दुनियाभर में जरूरतमंदो की मदद के लिए रेड क्रॉस की स्थापना की गई थी. बता दे कि रेड क्रॉस की स्‍थापना को 157 वर्ष हो चुके हैं। इतने वर्षों से ये संस्‍था लगातार मानवहितों और इंसान की जान बचाने के लिए पूरी दुनिया में काम कर रही है। कोविड-19 के प्रकोप के बीच ये संस्‍था पूरी दुनिया की विभिन्‍न स्‍वास्‍थ्‍य एजेंसियों और दूसरी वैश्विक एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही है. भारत में 56 हज़ार के पार पहुंचे कोरोना के मामले, 16000 से अधिक मरीज हो चुके हैं स्वस्थ आपकी जानकारी के लिए बता दे कि ये संस्‍था दुनिया के कई देशों में जहां आइसोलेशन वार्ड बनाने में जुटी है तो वहीं इस जानलेवा वायरस से कैसे विश्‍व को मुक्ति दी जाए इसके शोध में भी अन्‍य एजेंसियों की मदद कर रही है। विश्‍व के गरीब देशों में कोरोना संक्रमितों को बचाने और उनके इलाज के लिए बनाए गए अस्‍थाई अस्‍पतालों में साफ-सफाई और वहां हाइजीन की समस्‍या पर भी ये संस्‍था नजर बनाए हुए है। इसके अलावा गरीब और जरूरतमंद देशों में कोरोना के मरीजों को बचाने के लिए वेंटिलेटर्स समेत दूसरी सुविधाओं को भी मुहैया करवा रही है। इंटरनेशनल कमेटी ऑफ रेड क्रॉस के अध्‍यक्ष पीटर म्‍यूरर का कहना है कि इस चुनौती से सभी को मिलकर निपटना होगा तभी इसमें जीत संभव है। ऑफिस में कोरोना संक्रमण से बचने के लिए इन बातों को नहीं करें नजरअंदाज अगर आपको नही पता तो बता दे किदुनिया के किसी भी कोने में जब भी कोई प्राकृतिक आपदा या कोई बड़ा हादसा पेश हुआ है तो रेड क्रॉस हमेशा से ही राहतकार्य में सबसे आगे रहा है। रेडक्रॉस युद्ध में घायल लोंगों और आकस्मिक दुघर्टनाओं, आपातकाल में मदद करने के अलावा लोगों को स्वास्थ के प्रति जागरूक भी करती है। इसके अलावा यह उन कानूनों को प्रोत्साहित करती है जिससे युद्ध पीड़ितों की सुरक्षा होती है. सरकार का वंदे भारत अभियान, ढाका से जम्मू कश्मीर के छात्रों को वापस लाएगा विमान औरंगाबाद में दर्दनाक हादसा, मालगाड़ी ने मजदूरों को कुचला, 16 की मौत इंदौर के गोकुलदास अस्पताल की लापरवाही आई सामने, एक दिन में हुई चार मौत