हिंदी सिनेमा को समाज का आइना कहा जाता है.इसके अलावा हिंदी सिनेमा ने भी कॉमर्शियल और एंटरटेनमेंट फिल्मों के अलावा तमाम ऐसी कमाल की फिल्में बनाई हैं जो समाज को कमाल का मैसेज देती हैं. आइये जानते हैं कुछ ऐसी फिल्मों के बारे में जो हर एक पुरुष को महिला दिवस (8 मार्च) पर देखनी ही चाहिए. वहीं ये फिल्में न सिर्फ एक महिला की दृष्टिकोण से समाज को देखने की नजर प्रदान करती हैं बल्कि उसका वो दर्द भी बताती हैं जो दुनिया की नजर में कहीं न कहीं अनदेखा सा रह गया है. पिंक वर्ष 2016 में रिलीज हुई फिल्म पिंक में तापसी पन्नू और अमिताभ बच्चन ने लीड रोल प्ले किया था. वहीं फिल्म में अंगद बेदी निगेटिव रोल में थे और कृति कुल्हारी व एंड्रिया तैरंग ने अन्य महत्वपूर्ण किरदार निभाए थे. इसके साथ ही फिल्म एक कमाल का कोर्टरूम ड्रामा है जो ये बताती है कि किस तरह समाज एक महिला के पहनावे और उसकी लाइफस्टाइल से उसे जज करता है और ये कितना ज्यादा गलत है. थप्पड़ डॉमेस्टिक वॉयलेंस पर कड़ी चोट करती तापसी पन्नू की फिल्म थप्पड़ हाल ही में रिलीज हुई है. इसके साथ ही किसी भी परिवार में एक महिला का महत्व, उसका ओहदा, उसकी जरूरत और उसके साथ होने वाले गलत-सही का बिलकुल सटीक आइना दिखाती है तापसी की थप्पड़ हर किसी को पूरे परिवार के साथ जाकर जरूर देखनी चाहिए. पार्च्ड वर्ष 2016 में रिलीज हुई ये फिल्म काफी ज्यादा चर्चा में रही थी. इसके साथ ही मैरिटल रेप, चाइल्ड मैरिज, दहेज प्रथा और घरेलू हिंसा जैसे कई मुद्दों पर बात करती पार्च्ड एक कमाल की फिल्म है. वहीं लीना यादव के निर्देशन में बनी इस फिल्म में राधिका आप्टे, तनिषा चटर्जी, सुरवीन चावला और लहर खान ने अहम किरदार निभाए थे. इसके साथ ही फिल्म की कहानी एक महिला की जिंदगी में उसके चुनावों और उसकी वजह पर बात करती है. लिपस्टिक अंडर माय बुर्का ये फिल्म रिलीज हुई थी साल 2016 में. अलंकृता श्रीवास्तवा के निर्देशन में बनी इस फिल्म में कोंकणा सेन शर्मा, अहाना कुमरा, रत्ना पाठक, प्लबिता और विक्रांत मैसी ने अहम किरदार निभाए थे.वहीं फिल्म की कहानी समाज के बनाए नियमों के पीछे छिपी महिला के बारे में बात करती है. International Women Day : महिलाओ पर है हिंदी सिनेमा के ये दमदार गाने है नूपुर सेनन ने गाया 'फिलहाल' गाने का सीक्वल दूसरी बेटी के जन्म के बाद इस गंभीर बीमारी का शिकार हो गईं थीं ईशा देओल