हर साल 21 जून को मनाया जाने वाला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस इस साल भी 21 जून को मनाया जाने वाला है. हर साल इस दिवस को बहुत ही शानदार अंदाज में मनाते हैं. सभी शहरों में लोग योगा करते हैं और इस दिन को सेलिब्रेट करते हैं. दुनिया में ऐसे बहुत ही कम लोग है जो इस बात को जानते है कि भारत में योग शुरू कहाँ से हुआ, कहाँ से हुई थी योग की उत्पति..? आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर कब से शुरू हुआ योगा और कहाँ से शुरू हुआ इसे करना. साल 1893 में अमेरिका के शिकागो शहर में एक बार विश्व धर्म संसद को सम्बोधित करने के लिए स्वामी विवेकानंद को बुलाया गया था और वह वहां पर पहुंचे भी थे. उस दौरान उन्होंने वहां के लोगों को आधुनिक युग का परिचय करवाया था साथ ही उन्होंने योगा का प्रचार भी किया था. सम्बोधन के दौरान स्वामी विवेकानंद ने योग के बारे में बहुत सी बातें कि और बताया कि आखिर क्यों जरुरी है योगा. स्वामी विवेकानंद द्वारा योगा का प्रचार करने के बाद लोगों ने योगा को स्वीकार किया और उसकी तरफ ध्यान दिया. योगा को लोगों ने एक विषय बना लिया और उसके बाद योगा करने के लिए हर दिन समय निकालना शुरू कर दिया. बाद में लोगों को जब योगा से फायदे होने लगे तो उन्होंने इसका प्रचार करना शुरू कर दिया. पहले के समय से लेकर अब तक योगा सभी लोगों की दिनचर्या में शामिल हो गया और सभी को इसके लाभ भी मिले. कहा जाता है कि पूर्व-वैदिक काल से भारत में योगा की शुरुआत हुई और भारत की संस्कृति का सबसे अहम हिस्सा बन गया. योगा को ज्ञान, कर्म और भक्ति का मिश्रण माना जाता है. और इसकी शुरुआत हज़ारों वर्ष पुरानी है. विश्व योग दिवस :अष्टांग योग का प्रथम चरण- यम मानव के जीवन में यह है अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का महत्व International Yoga Day : क्या सच में योग से दूर होता जा रहा है आज का युवा?