योग धर्म नही, एक विज्ञान हैं, यह कल्याण का विज्ञान, यौवन का विज्ञान, शरीर, मन और आत्मा को जोड़ने का विज्ञान हैं. योग मनुष्य के मानसिक, शारीरिक और आध्यत्मिक उर्जा को बढाता हैं. योग मनुष्य के शरीर, मन और आत्मा को उर्जा, ताकत और सौन्दर्य प्रदान करता हैं. यदि शरीर व मन स्वस्थ नही हैं , तो लक्ष्य को पाना असम्भव हैं, योग करने से मन और शरीर दोनों स्वस्थ होते हैं. “योग”, जीवन का वह दर्शन हैं, जो मनुष्य को उसके आत्मा से जोड़ता हैं. सफलता तीन चीज़ो से मापी जाती हैं. धन, प्रसिद्धी और मन की शांति. धन और प्रसिद्धी पाना आसान हैं. “मन की शांति” केवल योग से मिलती हैं. योग हमे ख़ुद से मिलाता हैं, योग ईश्वर की अनुभूति दिलाता हैं. योग हमारी कमियों पर प्रकाश डालता हैं, उन्हें दूर करने का नया रास्ता तलाशता हैं. कमजोरियाँ हमारे अंदर डर पैदा करती हैं, योग उन्हें दूर करता हैं. स्वास्थ सबसे बड़ा उपहार हैं, संतोष सबसे बड़ा धन हैं, यह दोनों योग से ही मिलते हैं. योग धर्म नही, एक विज्ञान हैं, यह कल्याण का विज्ञान, यौवन का विज्ञान, शरीर, मन और आत्मा को जोड़ने का विज्ञान हैं. योग मनुष्य के मानसिक, शारीरिक और आध्यत्मिक उर्जा को बढाता हैं. International Yoga Day: योग के दम से इन महापुरुषों ने विदेश में बढ़ाया भारत का कद विश्व योग दिवस: जानिए क्या है अष्टांग योग आखिर क्यों हर साल 21 जून को ही मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस