काहिरा। एक तरफ पूरी दुनिया में अभिव्यक्ति की आजादी की मांग को लेकर आंदोलन किये जा रहे है और इसे सरकार इसे प्रदान करने के लिए नियमो में बदलाव भी कर रही है लेकिन मिस्र में इससे बिलकुल उल्टा ही हो रहा है। मिस्र सरकार ने अब एक नया कानून लागु कर के लोगों को सोशल मीडिया की स्वतंत्रता भी ख़त्म कर दी है। बाज़ार में आई रौनक, सेंसेक्स रिकॉर्ड 38154 के स्तर पर दरअसल मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी ने आज एक नए कानून को मंजूरी दी है जिसके तहत अब वहां के अधिकारी सोशल मीडिया का उपयोग करने वालों पर नजर रख सकेंगे और कोई नागरिक इस निगरानी का विरोध नहीं कर पायेगा। इस कानून की घोषणा जुलाई में ही कर दी गई थी लेकिन इसे मंजूरी आज दी गई है। इस कानून के तहत मिस्र के सुप्रीम काउंसिल फॉर मीडिया रेगुलेशन को यह अधिकार मिल जायेगा जिसके तहत वो सोशल मीडिया, वेबसाइट या ब्लॉग पर 5,000 से ज्यादा फॉलोवर्स वाले लोगों पर नजर रख सकते है। केरल बाढ़: अमेरिका के एक एनजीओ ने पीड़ितों के लिए एकत्रित किए 10 हज़ार डॉलर इस कानून के लागु होने के बाद से इसका मिस्र समेत पूरी दुनिया में विरोध हो रहा है। दुनिया भर के मानवाधिकार समूहों ने इस मामले में कहा है कि इस कानून का उद्देश्य ऑनलाइन अभिव्यक्ति की आजादी को कम करना है, क्योंकि मिस्र में सीसी के शासन को लेकर सार्वजनिक बहस के लिए इंटरनेट ही एक मंच बचा था। ख़बरें और भी आर्थिक संकट की ओर बढ़ता भारत, एक डॉलर की कीमत हुई 71 रूपये इटालियन डीजे पर कोई हमला नहीं किया गया- एयर इंडिया क़र्ज़ के मामले में पाकिस्तान से आगे है भारत, हर व्यक्ति पर इतना है क़र्ज़ का बोझ