एक वक़्त था, जब घर की गली के बाहर से डाकिये को आता हुआ देख लगभग हर एक व्यक्ति के चेहरे पर खुशी की लहरें दौड़ जाती थी, चाहे हमारे लिए चिट्ठी आई हो या न आई हो। वक़्त के पहियों के घूमने के साथ अब गलियों में साइकिलों पर दौड़ते डाकिये को देख अब वह ललक कम ही देखने के लिए मिलती है, क्योंकि कहीं न कहीं लोगों का मानना है कि एक स्थान से दूसरी जगह पर संदेश भेजने के अरसों पुराने माध्यम, पोस्ट ऑफिस के पास अब वह काम नहीं बचा, जैसा पहले रहा। भले ही टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हर दिन आगे बढ़ते इंडिया में सोशल मीडिया महत्वपूर्ण भूमिका निभाने लग गया है। जिसके बावजूद देश के डाकिये आज भी अपना किरदार बखूबी निभाते हुए चले जा रहे है। इस बात को उठाया है मोटिवेशनल स्पीकर और दिग्गज एक्टर अनुपम खेर ने, जिनका एक पोस्टमैन के साथ वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है। संचार मंत्रालय के राज्य मंत्री देवुसिंह चौहान द्वारा KOO प्लेटफार्म पर इस वीडियो को पोस्ट करने के साथ ही मंत्री ने अनुपम खेर को इंडिया पोस्ट की अहमियत लोगों को समझाने के लिए धन्यवाद कहा है: @AnupamPKher को इस बात पर प्रकाश डालने के लिए धन्यवाद कि कैसे @indiapost 'अंत्योदय' की दृष्टि से लोगों की सेवा कर रहा है। दरअसल अनुपम खेर ने उत्तराखंड में पिछले 2 सालों से डाकिये का जिम्मा बखूबी निभा रहे देशराज सिंह रावत से गुफ्तगू भी कर चुके है, जो कि उत्तरकाशी जिले के मूरी ब्लॉक से ताल्लुक रखते हैं। गलतफहमी में हैं लोग, कम नहीं हुआ है, बढ़ गया है काम वीडियो में अनुपम खेर बोलते हैं कि आज मैं देशराज जी के साथ हूँ। देशराज जी जाटोक पोस्ट ऑफिस में पोस्टमैन हैं। इसके बाद वे पोस्टमैन से पूछते हैं कि मैं सोच रहा था, आजकल SMS या बात कर लेने आदि के जरिए लोग एक-दूसरे तक अपनी बात पहुँचा देते हैं, फिर पोस्ट मास्टर या पोस्टमैन का आजकल क्या महत्व है? Koo App Thank you @AnupamPKher ji for highlighting how @indiapost is serving people with the vision of ‘Antyodaya’. #ApkaDostIndiaPost View attached media content - devusinh Chauhan (@devusinh) 23 Aug 2022 इस पर देशराज जी ने कहा कि पोस्टमैन का बहुत महत्व है। हमारे द्वारा जरूरतमंद लोगों, जैसे वृद्ध तथा विकलांग लोगों को सेवा भी प्रदान की जा रही है। पहले के समय में आधार कार्ड, पैन कार्ड और एटीएम कार्ड तो होते नहीं थे, लेकिन आज के समय में इसका महत्व बढ़ा है और हर घर में ये कार्ड्स उपलब्ध होते हैं। ये तमाम कार्ड्स पोस्ट ऑफिस के जरिए ही जाते हैं, जिन्हें हम घर-घर जाकर लोगों को पहुँचाते हैं। जिसके उपरांत अनुपम कहते हैं कि आम जनता को यह लगता है कि अब डाकिये का काम खत्म हो गया है। लेकिन आप बता रहे हैं कि काम बढ़ गया है। इस पर देशराज जी कहते हैं कि कम होने के बजाए हमारा कार्य बढ़ चुका है। रिलीज के पहले ही करोड़ों कमा चुकी है लाइगर लाल सिंह चड्ढा की बढ़ती जा रही मुश्किलें, बंगाल में भी लग सकता है बैन 'दिलीप साहब के बिना मेरा जन्मदिन मुबारक नहीं हो सकता', रोते हुए बोलीं सायरा बानो