नई दिल्ली : पुरानी कहावत है कि आवश्यकता ही आविष्कार की जननी होती है. यह बात सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को लेकर पटाखों पर लगे प्रतिबंध से उपजी समस्या के संदर्भ में बिल्कुल सही साबित प्रतीत हो रही है, क्योंकि केंद्रीय मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने देश के प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों से आग्रह किया है कि अगले वर्ष तक देश के लिए प्रदुषण रहित पटाखों का आविष्कार करें. उल्लेखनीय है कि केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि शनिवार को देश के प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों के साथ हुई बैठक में मैंने उन्हें यह चुनौती दी है, कि अगले वर्ष तक देश के लिए शून्य प्रदुषण वाले पटाखों का आविष्कार करें. वहीं केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने कहा कि भारतीय संस्कृति को देश की बेहतरी के लिए इस्तेमाल किया गया है. विश्वास है कि सभी देश को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए एकजुट होंगे. जैसा कि पता ही है कि सुप्रीम कोर्ट ने 9 अक्टूबर को दिल्ली एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर पाबंदी लगा दी थी. दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री 1 नवंबर, 2017 से दोबारा शुरू होगी. दरअसल सुप्रीम कोर्ट देखना चाहता है कि पटाखों के कारण प्रदूषण पर कितना असर पड़ता है. हालाँकि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से पटाखा कारोबारियों में आक्रोश है, क्योंकि कोर्ट ने कारोबारियों की पुनर्विचार याचिका भी खारिज कर दी है. कारोबारियों को अपने स्टॉक से होने वाले नुकसान की चिंता है. यह भी देखें रोहिंग्या मामले में अगली सुनवाई 21 नवंबर को दिल्ली के लोगों को इस बार पुराने पटाखों से ही काम चलाना होगा