देश के सबसे बड़े बैंक घोटाले के आरोपी और फरार नीरव मोदी के बारे में जांच एजेंसी ने एक बाड़ा खुलासा किया है. 13 करोड़ का घोटाला करने के आरोप में अभी देश से फरार चल रहे नीरव मोदी के पीएनबी की दुबई और हांगकांग ब्रांच की डाक्यूमेंट्स से इस बात का खुलासा हुआ है कि नीरव मोदी के घोटाले की खबर पीएनबी के बड़े अधिकारीयों को थी लेकिन उन्होंने इस बारे में कोई ठोस कदम नहीं उठाया. नीरव मोदी ने पंजाब नेशनल बैंक की हॉन्गकॉन्ग ब्रांच में लेनदेन 23 सितंबर, 2010 में शुरू किया था. तब से लेकर घोटाले के खुलासे तक नीरव पीएनबी की हांगकांग ब्रांच में 2149 बार लेनदेन कर चुका था. वहीं पीएनबी की दुबई ब्रांच में नीरव ने 3981 बार लेनदेन किया. नीरव मोदी के साथ हुए पैसों के इस लेनदेन का सारा डाटा पीएनबी ने छुपा कर रखा था. इन आकड़ों के बाहर आने के साथ के पीएनबी के कार्य करने की प्रक्रिया में भी कई खामियां सामने आई है. वहीं जांच में विदेश से हासिल इस डाक्यूमेंट्स में कड़ियाँ जोड़ने पर पीएनबी के अधिकारीयों की गलती सबके सामने है. इन खामियों के बारे में बात करे तो बैंक अकाउंट को बायर्स क्रेडिट जारी करना, एक बिल के एवज में दो लेटर्स ऑफ क्रेडिट (एलओयू) जारी करना और निर्यातक (एक्सपोर्टर) का विवरण देने के बजाय ‘XYZ’ लिख देना. इन सब बातों से इस बात का साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि बैंक के बड़े अधिकारीयों की सहमति के बिना यह सब करना बच्चों का खेल नहीं है. घोटाले जारी है: अब बैंक ऑफ महाराष्‍ट्र, रकम 2043 करोड़ रुपये PNB घोटाले में जारी हो सकता है रेड कार्नर नोटिस 2577500000000.00 करोड़ रुपए बीते साल बैंकों का घोटाला-RBI