शरीर के लिए आयोडीन बहुत जरूरी तत्व होता है. खासकर प्रेग्नेंसी के समय आयोडीन की कमी होने पर मां और बच्चे दोनों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है. आयोडीन शिशु के दिमागी विकास और थायराइड ग्रंथि को सही तरीके से काम करने में मदद करता है. इसलिए शरीर में आयोडीन की कमी नहीं होने देनी चाहिए. अगर आयोडीन की कमी को सही समय पर पूरा ना किया जाए तो इससे महिलाओं में बांझपन की समस्या भी हो सकती है. आयोडीन में भरपूर मात्रा में माइक्रो न्यूट्रीशियन मौजूद होते हैं जो थायराइड को कंट्रोल करने में मदद करते हैं. आयोडीन की कमी हो जाने पर हाइपोथायराइडिज्म की समस्या हो सकती है. जिससे महिलाओं को बांझपन का खतरा भी हो सकता है. यह तत्व गर्भपात का सबसे बड़ा कारण है. क्योंकि थायराइड ग्लैंड की कार्यप्रणाली धीमी पड़ जाती है. जिसके कारण अंडाशय में अंडे रिलीज होने में दिक्कत होती है. इसके अलावा जो महिलाएं हाइपोथायराइडिज्म का शिकार हो जाते हैं उन्हें पीरियड में गड़बड़ी जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं. आयोडीन की कमी को पूरा करने के लिए साबुत अनाज, दूध, मछली, सी फूड्स, अंडे आदि का सेवन करें. इसके अलावा दही, ब्राउन राइस, लहसुन पालक, आलू आयोडीन की कमी को पूरा करने का काम करते हैं.