भारत अब दुनिया का ऐसा देश बन गया है जहाँ हर साल क्रिकेट को त्यौहार के रूप में मनाया जाता है. और इस त्यौहार में सिर्फ भारतीय ही नहीं दुनिया भर के खिलाड़ी, कोच, अंपायर आदि भारत आते है. इस त्यौहार का नाम है आईपीएल जो इस साल 7 अप्रेल से शुरू हो रहा है. 2008 से शुरू हुए आईपीएल में हमेशा से चेन्नई सुपर किंग्स सबसे मजबूत टीम के नजरिए देखी गई है लेकिन पिछले दो सालों से विवादों के चलते चेन्नई को खेलने का मौका नहीं मिला, लेकिन इस बार फिर से धोनी के नेतृत्व में चेन्नई येलो जर्सी पहने मैदान पर नजर आने वाली है. चेन्नई सुपर किंग्स आईपीएल की एक मात्र सबसे सफलतम टीम है जो कुल मिलकर 6 बार फाइनल में पहुंची है, जिसमें दो बार जीत दर्ज ख़िताब अपने नाम करने में सफल रही वहीं 4 बार उसे फाइनल में हार का मुंह देखना पड़ा है, ऐसे में आपको बताते है क्यों इस बार चेन्नई के जीतने के चांस बढ़ जाते है. चेन्नई के अब तक के सफर पर अगर एक नजर डाले तो यह देखने को मिलता है कि, 2010 और 2011 में जब चेन्नई ने ख़िताब को अपने नाम किया था उस समय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी थे और कोच न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान स्टीफन फ्लेमिंग. वहीं 2012,2013 और 2015 के आईपीएल पर नजर डाले तो यहाँ भी चेन्नई ने फाइनल तक का सफर बहुत आसानी से तय कर लिया था. इस नजरिए से देखा जाए तो दो साल के प्रतिबंध के बाद एक बार फिर चेन्नई आईपीएल में खेल रही है और इस नई टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ही है और कोच भी स्टीफन फ्लेमिंग है, ऐसे में यह दोनों चेन्नई के लिए जीत का सूत्र साबित हो सकते है. रिद्धिमान साहा ने इस मैच में बनाए 20 गेंदों पर 102 रन पूर्व क्रिकेट खिलाडी-अभिनेता योगराज सिंह का आज जन्मदिन IPL2018 :चौकों-छक्कों पर थिरकती चीयरलीडर्स का एक रोज़ का खर्च जानिए