नई दिल्ली: 63 भारतीय निगमों ने एक विश्लेषण के अनुसार, कैलेंडर 2021 में मुख्य बोर्ड IPO के माध्यम से 1.18 लाख करोड़ रुपये का अब तक का उच्चतम स्तर उठाया। यह 2020 में 15 प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के माध्यम से जुटाए गए 26,613 करोड़ रुपये का लगभग 4.5 गुना था, और 2017 के पिछले रिकॉर्ड वर्ष से लगभग दोगुना था, जब 68,827 करोड़ रुपये जुटाए गए थे। प्राइम डेटाबेस ग्रुप के प्रबंध निदेशक प्रणव हल्दिया के अनुसार, महत्वपूर्ण हाइलाइट्स में नए युग के घाटे में चल रहे प्रौद्योगिकी व्यवसायों के आईपीओ, पर्याप्त खुदरा भागीदारी और भारी लिस्टिंग लाभ शामिल हैं। कुल मिलाकर सार्वजनिक इक्विटी धन उगाहने वाले कैलेंडर 2021 में 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है । जनता की प्रतिक्रिया अत्यधिक सकारात्मक थी। वर्तमान में उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 36 आईपीओ को 10 गुना से अधिक (जिनमें से 6 आईपीओ को 100 से अधिक बार प्राप्त हुआ) की भारी प्रतिक्रिया मिली, जबकि 8 आईपीओ को 3 गुना से अधिक अभिदान मिला। शेष 15 प्रथम सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को 1 से 3 गुना अभिदान मिला। खुदरा निवेशकों ने वर्ष की घटनाओं के लिए भी उत्साहपूर्वक प्रतिक्रिया व्यक्त की। 2020 में 12.77 लाख और 2019 में 4.05 लाख की तुलना में खुदरा आवेदन औसतन 14.36 लाख थे। ग्लेनमार्क लाइफ साइंसेज (33.95 लाख) को 2021 में सबसे अधिक खुदरा आवेदन प्राप्त हुए, इसके बाद देवयानी इंटरनेशनल (32.67 लाख) और लेटेंट व्यू (32.67 लाख) का स्थान रहा। आखिर 23 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाता है किसान दिवस, कब हुई थी इसकी शुरुआत ? वित्त मंत्री आज अर्थशास्त्रियों के साथ बजटसे पूर्व , विचार-विमर्श करेंगे महामारी की परवाह किए बिना फिनलैंड की अर्थव्यवस्था मजबूत: इको सर्वे