रायपुर। अब तक तो जनप्रतिनिधियों, राजनेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों व पुलिस अधिकारियों के बच्चों को सरकारी विद्यालयों से अलग हटकर निजी विद्यालयों में अध्ययन करवाने को लेकर सवाल किए जाते रहे हैं और मांग की जाती रही है कि पहले ये ही लोग अपने बच्चों को शासकीय शिक्षण संस्थानों में प्रवेश दिलवाऐं। मगर रायपुर में एक आईपीएस अधिकारी डी रविशंकर ने इस मामले में मिसाल पेश की है। उन्होंने अपनी पुत्री दिव्यांजलि का एडमिशन शहर के शासकीय प्राथमिक विद्यालय शांतिनगर में करवाया है। डी रविशंकर और उनकी पत्नी डी ललिता दोनों ही दिव्यांजलि का एडमिशन स्कूल में करवाकर आए। दिव्यांजलि को कक्षा 2 री में प्रवेश दिया गया। यहाॅं दिव्यांजलि छत्तीसगढ़ी व हिंदी का अध्ययचन करेगी। गौरतलब है कि बलरामपुर के कलेक्टर अवनीश कुमार शरण अपनी पुत्री को और विधायक शिवशंकर साय अपने पुत्र को शासकीय शिक्षण संस्थान में प्रवेश दिलवा चुके हैं। पुत्री दिव्यांजलि के शासकीय विद्यालय में प्रवेश को लेकर पिता और आईपीएस अधिकारी डी रविशंकर ने बताया कि उनका शिक्षण तो हिंदी माध्यम से होगा। दरअसल बच्ची घर में भी अंग्रेजी ही बोलती है। यहाॅं हिंदी सिखेगी। गौरतलब है कि उन्होंने अपनी पुत्री को इसके पहले कवर्धा के गुरुकुल पब्लिक स्कूल में अंग्रेजी माध्यम में अध्ययनरत थीं। शांति नगर की प्रिंसिपल विद्या सक्सेना ने कहा कि पहली बार किसी आईपीएस का बच्चा इस सरकारी स्कूल में आयाए यह स्कूलों का वातावरण सुधरने का प्रतीक भी है। खुशी है कि पुराना दौर आ रहा है। इसका सकारात्मक संदेश लोगों तक जाएगा। इस मामले में स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव विकासशील ने कहा कि एक आईपीएस ने हमारे स्कूलों पर अपना भरोसा जताया। इसके पहले भी आईएएस और जनप्रतिनिधि के बच्चों ने सरकारी स्कूल में दाखिला लिया है। सबसे बड़ी समस्या शिक्षकों की कमी थीए जिसे हम दूर कर रहे हैं। मैं व्यक्तिगत रूप से ऐसे अफसर स्वागत करता हूंए जिन्होंने सरकारी स्कूल का भरोसा बढ़ाया है। चौथी के छात्र की स्कूल में संदिग्ध हालत में मौत, स्कूल पर लगा लापरवाही का आरोप शिवलिंग बनाने से इंकार करने पर प्रिंसिपल ने विद्यार्थियों को किया कमरे में बंद तीसा में अध्यापकों की पिटाई के बाद हुआ हंगामा, एडीएम व एएसपी घायल