लखनऊ: करीब 18 माह से फरार चल रहे वर्ष 2014 बैच के IPS अधिकारी मणिलाल पाटीदार को जल्द बर्खास्त किया जा सकता है। प्रकरण इस वक़्त केंद्र सरकार के पास विचाराधीन है। भ्रष्टाचार और ख़ुदकुशी के लिए उकसाने जैसे आरोपों में जांच में दोषी पाए जाने के बाद विभागीय जांच में उन्हें बर्खास्त करने की संस्तुति की गई थी। निलंबन के बाद महोबा में केस दर्ज कराने के बाद से ही पाटीदार यूपी पुलिस से भाग रहे हैं। पुलिस उन पर एक लाख का इनाम घोषित करने के बाद भी उन्हें पकड़ नहीं पाई है। प्रयागराज के ASP अपराध के नेतृत्व में गठित SIT के अलावा उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी पाटीदार की तलाश में लगी हुईं हैंहै। विजिलेंस अपनी जांच में पाटीदार को भ्रष्टाचार के लिए दोषी करार दे चुकी है। फरार होने की वजह से न्यायालयीय प्रक्रिया के तहत होने वाली तमाम कानूनी औपचारिकताएं भी पूरी हो चुकी हैं। बता दें कि 9 सितंबर 2020 को सस्पेंड किए गए पाटीदार ने पहले भी जांच में सहयोग नहीं किया था। वह मामले की जांच के लिए तत्कालीन IG रेंज वाराणसी विजय सिंह मीना के नेतृत्व में गठित SIT के समक्ष भी पेश नहीं हुए थे। महोबा के क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत के बाद उनके भाई रविकांत त्रिपाठी ने 10 सितंबर को पाटीदार के अलावा कबरई थाने के कुछ पुलिसकर्मियों पर केस दर्ज कराया था। जम्मू: PM मोदी की रैली के पास जहाँ हुआ था विस्फोट, वहां मिले RDX के निशान आयशा सुसाइड केस में आरोपी पति को 10 साल की जेल, पीड़िता ने साबरमती नदी में कूदकर दी थी जान दिल्ली में परीक्षा देने के लिए दो घंटे तक भटकता रहा कोरोना संक्रमित छात्र, सुनने को राजी नहीं थे अफसर, फिर..