अमेरिका ने भारत सहित सभी देशो को ईरान से तेल नहीं खरीदने की हिदायत दी है और अब अमेरिका के दबाव के चलते भारत ईरान से तेल खरीदने से एतराज कर सकता है या कम से कम इसमें में कटौती तो कर ही सकता है. अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु करार खत्‍म होने के बाद अमरीका ने सख्त रुख अपनाते हुए ईरान पर चोट करने की नीति अपनाई है. ईरान के आर्थिक हालातो पर चोट करना और उसे विश्व समुदाय से पृथक करना इसका हिस्सा है. अमेरिका के इस एकतरफा फैसले से ईंधन की आवश्यकताओं की आपूर्ति में भारत के हित भी प्रभावित हो सकते हैं. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अफसर ने मंगलवार को यह चेतावनी जारी कर कहा उनकी वरिष्ठतम राष्ट्रीय सुरक्षा वरीयताओं में ईरान अहम है.इसलिए उस पर दबाव बनाया जा रहा है. एक संवाददाता ने जब पूछा कि अमेरिका क्या भारत और चीन जैसे अपने सहयोगी देशों पर भी नवंबर तक ईरान से तेल आयात पर रोक लगाएगा, तो जवाब में अमेरिकी मंत्रालय के अफसर ने कहा- हां. हम ईरान की फंडिंग के हर स्रोत को अलग-थलग कर देंगे, ताकि पूरे क्षेत्र में ईरान की खराब छवि उजागर हो.. दोनों देशों के रिश्‍ते खराब हो गए हैं. इसके चलते राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने ईरान पर कई प्रतिबंध लगा दिए हैं. साथ ही उनकी ओर से भारत सहित देशों पर दबाव भी डाला जा रहा है कि वे ईरान से तेल न खरीदें. संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली दो दिन के भारत दौर पर हैं. फ़िलहाल उनसे इस बात पर को चर्चा नहीं हुई है. ...तो क्या पीएम मोदी को गुमराह कर रही है राजस्थान की मुख्यमंत्री ? दुनिया को धमकी, 'ईरान से तेल खरीदने वाले अमरीकी सख़्तियों के लिए तैयार रहे'