वाशिंगटन: अमेरिका और ईरान के बीच एक बार फिर तनाव बढ़ सकता है. दरअसल ईरान ने कोरोना से जंग के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से 5 बिलियन डॉलर की सहायता मांगी है. किन्तु अमेरिका ने कहा है कि वह ऐसा नहीं होने देगा. अमेरिका का कहना है कि ईरान यह फंड देश की स्वास्थ्य व्यवस्था में नहीं लगाएगा, बल्कि वह इस पैसे से गलत कामों को बढ़ावा देगा. गौरतलब है कि ईरान कोरोना के संक्रमण से बुरी तरह प्रभावित हुआ है, इसके कारण अब तक 4 हज़ार से अधिक लोगों की मौत हो गई है. अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि इस फंड को रोकने के लिए अमेरिका अपने वीटो पावर का उपयोग करेगा. अमेरिका ने स्पष्ट कहा है कि किसी भी हालत में यह फंड ईरान को नहीं दिया जाएगा. व्हाइट हाउस के एक प्रवक्ता ने कहा आंतकवाद को बढ़ावा देने वाला मुल्क पैसों की मांग कर रहा है. हमें पता है कि इन पैसों से ईरान अपने लोगों के लिए दवाईयां नहीं खरीदेगा. व्हाइट हाउस ने आगे कहा कि इतिहास गवाह है कि वहां के भ्रष्ट अधिकारी मानवता के नाम दिए गए पैसों को अपनी जेब में रखते हैं और फिर आंतकवाद को बढ़ावा देने के लिए इसका उपयोग करते हैं. आपको बता दें कि बीते दिनों ईरान के विदेशमंत्री जावेद ज़रीफ ने ट्वीट करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर निशाना साधा था. जावेद ने अपने ट्वीट में लिखा था कि ईरान मानव और प्राकृतिक संपदा से भरापूरा है और उन्हें डोनाल्ड ट्रंप के दान की आवश्यकता नहीं है. कोरोना संकट में अपने लोगों को वापस ना बुलाने वाले देशों पर भड़का अमेरिका, लिया बड़ा एक्शन कोरोना संकट के बीच संयुक्त राष्ट्र को हुई महिलाओं की चिंता, सभी देशों से की ये अपील दुनियाभर में कोरोना से हाहाकार, मरने वालों की संख्या एक लाख के पार