नई दिल्ली: इस साल सितंबर में पुलिस हिरासत में 22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत के बाद ईरान में बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शनों में सैंकड़ों लोगों के मारे जा चुके हैं। इस बीच ईरान के उप विदेश मंत्री अली बाकरी ने अपनी सरकार का बचाव करते हुए सफाई पेश की है। देश के राजनीतिक मामलों के उप विदेश मंत्री अली बघेरी ने कहा कि, 'महसा अमिनी की हत्या नहीं की गई थी, उनकी मौत हो गई थी।' उल्लेखनीय है कि 16 सितंबर को पूरे ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शन शुरू हो गए थे। इन प्रदर्शनों के पीछे का सबसे बड़ा कारण महसा अमिनी की मौत है। ईरान में 22 वर्षीय महसा अमीनी को हिजाब में से बाल दिख जाने की वजह से पुलिस ने 13 सितंबर को हिरासत में लिया था। जिसके बाद ईरान की नैतिक पुलिस (Moral Police) ने हिरासत में अमिनी को बेरहमी से पीटा, जिससे वह कोमा में चली गई थीं। इस घटना के तीन दिन बाद यानी 16 सितंबर को महसा की मौत हो गई थी। अब एक इंटरव्यू के दौरान, अली बघेरी ने गुरुवार को कहा है कि, 'महसा अमिनी की हत्या नहीं की गई थी, उनका इंतकाल हो गया। हमने ईरान में जारी घटनाक्रम के संबंध में कुछ पश्चिमी मीडिया द्वारा बनाए गए वातावरण को देखा है। यह बिलकुल निराधार और भ्रामक है। हम देख रहे हैं कि इन पश्चिमी ताकतों द्वारा ईरानी राष्ट्र के अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है।' बता दें कि, ईरानी उप विदेश मंत्री दोनों देशों के बीच राजनीतिक परामर्श के हिस्से के रूप में भारत दौरे पर आए हुए हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि, 'पश्चिमी शक्तियां अफगानिस्तान, फिलिस्तीन या यमन के लोगों के संबंध में बात नहीं करतीं। वे इन कार्रवाइयों की निंदा नहीं करते। इन लोगों के असली कातिल कौन हैं?' 'हमने ज़ाकिर नाइक को नहीं बुलाया..', भारत की सख्ती के आगे निकली 'कतर' की हेकड़ी 'मेरी मसाज वाली वीडियो मीडिया में मत चलाओ..', लगातार पोल खुलने के बाद कोर्ट पहुंचे सत्येंद्र जैन एक नया 'इस्लामिक' संगठन, चाहता था मंदिर को उड़ाना, मंगलुरु ब्लास्ट इसी साजिश का हिस्सा