अहमदाबाद: गुजरात के कच्छ में मुंद्रा पोर्ट से कुछ दिनों पहले बड़े पैमाने पर हेरोईन (Heroin) जब्त की गई थी, जो अफगानिस्तान होते हुए ईरान से भारत आई थी और इस ड्रग्स की कीमत हजारों करोड़ में आंकी गई थी. इस पोर्ट को चलाने का जिम्मा जाने माने कारोबारी गौतम अडानी की कंपनी पर है. इसके बाद से ही गौतम अडानी सोशल मीडिया पर आलोचना का शिकार हो रहे थे. इस घटना के कुछ दिनों बाद 11 अक्टूबर को अडानी पोर्ट्स ने ऐलान किया था कि 15 नवंबर से उनके टर्मिनल ईरान, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के कार्गो को नहीं संभालेंगे और ये आदेश अडानी पोर्ट्स द्वारा ऑपरेट तमाम पोर्ट्स के लिए होगा. अब इस मामले में ईरान की प्रतिक्रिया सामने आई है. ईरान ने अडानी पोर्ट्स द्वारा ईरानी कंटेनर्स के आयात-निर्यात पर प्रतिबन्ध लगाने के फैसले की आलोचना की है. ईरान ने इसे गैर-पेशेवर और असंतुलित कदम करार दिया है. ईरानी दूतावास की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि भारत-ईरान की पुलिस और नार्कोटिक ड्रग कंट्रोल प्रशासन ने इस मामले में बातचीत की है. ड्रग्स की तस्करी में बढ़ोतरी के कारण जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, उस पर भी दोनों देशों ने चिंता व्यक्त की है. इस बयान में कहा गया है कि बीते कई दशकों से नार्कोटिक ड्रग्स के उत्पादन और अफगानिस्तान से इसकी संगठित तस्करी ने ईरान, इसके आसपास के क्षेत्रों और बाकी विश्व के लिए खतरा पैदा किया है. इस गंभीर वैश्विक समस्या के लिए एक निरंतर और एकजुट संघर्ष की आवश्यकता है. इसके साथ ही सभी देशों में तालमेल और आपसी सहयोग भी अत्यंत आवश्यक है. ईरान ने आगे कहा कि अफगानिस्तान में आतंकी संगठन तालिबान के कब्जे के बाद से ही पड़ोसी होने के कारण ईरान भी कुछ हद तक प्रभावित हुआ है. ईरान ने अफगानिस्तान में ड्रग्स के उत्पादन और तस्करी को लेकर तीन मुख्य वजह भी गिनाई हैं. इनमें अफगानिस्तान पर विदेशी ताकतों का कब्जा, गुटबाजी और गरीबी जैसी वजहें शामिल हैं. चूल्हे-चौके के साथ-साथ गांव की महिलाओं ने संभाला ट्रैक्टर का स्टेयरिंग यूपी में योगी सरकार बढ़ाएगी सैनिक स्कूलों की संख्या संयुक्त राष्ट्र में फिर लहराया 'भारत' का परचम, प्रचंड बहुमत के साथ UNHRC का सदस्य बना हिंदुस्तान