फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने साफ कर दिया है कि उनका देश ईरान परमाणु समझौते से बाहर नहीं आएगा. वहीं अमेरिकी चिंताओं को दूर करने के लिए व्यापक समझौता करने को लेकर तेहरान पर दबाव बनाया जाएगा. बता दें कि ईरान परमाणु समझौता साल 2015 में हुए था. जिस पर बाद में अमेरिका ने कुछ चिंताएं जाहिर की थी. अमरीकी संसद के दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित करते हुए राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने कहा कि, 'ईरान की परमाणु गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए, एक ढ़ाचा जे.सी.पी.ओ.ए (जॉइंट कॉम्प्रिहेन्सिव प्लान ऑफ एक्शन) मौजूद है. हमने अमरीका के पहल पर हस्ताक्षर किए थे. अमरीका और फ्रांस दोनों ने इस पर हस्ताक्षर किए. इसलिए हम यह नहीं कह सकते कि इससे यू हीं पीछा छुड़ा लिया जाए. इस दौरान मैक्रो ने कहा कि, 'इस समझौते से भले ही सभी महत्वपूर्ण चिंताओं का समाधान न हो लेकिन इससे कुछ ठोस या अधिक महत्वपूर्ण होने तक हम यूंही इसे नहीं छोड़ सकते. उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को इससे संबंधित अपनी जिम्मेदारियों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है. कुत्तों की वजह से खतरे में पड़ी इमरान खान की तीसरी शादी सऊदी में 4 महीने के भीतर मिली 48 लोगों को मौत की सजा चीन में मिला दुनिया का सबसे बड़ा मच्छर