अमेरिका के ईरान विरोधी उपायों को करेंगे विफल- अली लारी जानी

अमेरिका और ईरान के बीच गरमाये रिश्तों के बीच ईरानी संसद के अध्यक्ष अली लारी जानी ने अपने एक ताजा बयान से मामले को और तूल दे दिया है. अली लारी जानी का कहना है कि परमाणु समझौते से अमेरिका के अलग होने के बाद ईरान यूएस एंटी-ईरान उपायों को विफल करने की तरफ कदम बढ़ाएगा. इसके अलावा उन्होंने 21 मई को अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो की तरफ से प्रतिबंधों से सम्बंधित रखी गईं 12 शर्तों को भी आड़े हाथों लिया. अली लारी जानी ने कहा, '12 में से सात शर्तें क्षेत्रीय मुद्दों से संबंधित थी, जो दर्शाता है कि ईरान के साथ अमेरिका की समस्या परमाणु मुद्दे से संबंधित नहीं है.'

गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 8 मई को ईरान परमाणु समझौते से खुद को अलग करने की घोषणा की थी, साथ ही मध्यपूर्व में बढ़ते तनाव को लेकर चेतावनी भी दे डाली थी. बता दें कि परमाणु सौदे पर हस्ताक्षर करने वाले पांचों सदस्य देश- ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, चीन और जर्मनी ने सौदे में बने रहने पर सहमति जाहिर की है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 21 मई को पोम्पियो ने ईरान के व्यवहार को बदलने के लिए 12 कठिन मांगों की घोषणा की थी. 

इन मांगों में बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम समाप्त करना, मध्य पूर्व में आतंकवादी समूहों को समर्थन करना बंद करना, जल रिएक्टर बंद करना, सभी परमाणु साइटों पर अंतरराष्ट्रीय निरीक्षकों की पूर्ण पहुंच की अनुमति देना और अमेरिका व उसके सहयोगियों के सभी कैदियों को रिहा करना जैसी शर्ते शामिल थी. वहीं पोम्पिओ ने ईरान को धमकाते हुए कहा था कि यदि तेहरान मांगों को स्वीकार करने में विफल रहता है तो ईरान पर इतने मजबूत प्रतिबंध लगाए जाएंगे जिसे इतिहास में याद रखा जाएगा.

 

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