फेल स्टेट बनते जा रहे इराक में अमेरिकी नेतृत्‍व वाले सैन्‍य गठबंधन ने इस्‍लामिक स्‍टेट से जुड़े तीन शिविरों को नष्‍ट कर दिया है. इस्‍लामिक स्‍टेट के खिलाफ संयुक्‍त कार्य बल ने ऑपरेशन इनहेरेंट रिजोल्यूशन (CJTF-OIR) के तहत कार्रवाई की है. शनिवार की शाम एक प्रेस विज्ञप्‍ति में कहा गया है कि इराकी सरकार के साथ समन्‍वय करके गठबंधन बल ने इराक के वाडी अल शई में तीन आइएसआइ शिविरों को नष्‍ट कर दिया. दुनिया भर में कोरोना से साढ़े चार लाख से अधिक लोगों की मौत, लगभग 90 लाख संक्रमित अपने बयान में सैन्‍य गठबंधन के प्रवक्ता कर्नल माइल्स बी कैगिन्स III ने कहा इस हवाई हमले का मकसद इराक की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है. हवाई हमले का मिशन इराक की सुरक्षा है. उन्‍होंने कहा कि आइएसआइ के ठिकानों के खत्‍म करने का मूल मकसद इराकी शहरों एवं गांवों की सुरक्षा को सुनिश्वित करना है. प्रवक्‍ता ने आगे कहा कि गठबंधन सेना का प्रत्‍येक हमला इराकी अनुरोध पर किया जाता है. गुरुवार को मध्य कमान के प्रमुख जनरल केनेथ मैकेंजी ने कहा कि इराकी नागरिक देश से अमेरिकी सेना की वापसी नहीं चाहती है. बता दें कि जनवरी महीने में बगदाद अंतरराष्‍ट्रीय हवाई अड्डे के समीप एक अमेरिकी ड्रोन हमले में एक इराकी शिया मिलिशिया समूह के डिप्टी कमांडर अबू महदी अल-मुहांडिस की मौत हो गई थी. इसके बाद इराक में विदेश सैनिकों की तैनाती की बहस के तेज हो गई है. कोरोना को लेकर फिर चीन पर बरसे डोनाल्ड ट्रम्प, बीमारी को दिया नया नाम- 'कुंग फ्लू' आपकी जानकारी के लिए बता दे कि आइएसआइएस नाम से इस संगठन का गठन अप्रैल 2013 में हुआ था. इब्राहिम अव्वद अल-बद्री उर्फ अबु बक्र अल-बगदादी इसका मुखिया था. शुरू में इस संगठन को अल कायदा का समर्थन हासिल था. लेकिन बाद में अल कायदा इससे अलग हो गया. अब यह अल कायदा से भी अधिक मजबूत और क्रूर संगठन के तौर पर जाना जाता हैं. माना जाता है कि यह दुनिया का सबसे अमीर आतंकी संगठन है. जून, 2014 को इसने अपने मुखिया को विश्व के सभी मुसलमानों का खलीफा घोषित किया था. विश्व के अधिकांश मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्रों को सीधे अपने राजनीतिक नियंत्रण में लेना इसका घोषित लक्ष्य है. जॉर्डन, इजरायल, फिलिस्तीन, लेबनान, कुवैत, इराक तथा दक्षिणी तुर्की के कुछ भागों में सक्रिय है. World Music Day पर इन ऐप्स और डिवाइसेज से करिये सेलिब्रेट उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच फिर गहराया तनाव, दोनों देशों के बीच शुरू हुई अनोखी जंग'दुष्ट है चीन' ! यूरोपीय देश तय करें वे बीजिंग के साथ या वाशिंगटन के ? - माइक पोम्पियो