कोरोना संकट के बीच बीमा नियामक Irdai ने उत्पन्न आर्थिक हालात को देखते हुए इंश्योरेंस कंपनियों को स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम को किस्त में लेने की अनुमति दे दी है. पिछले साल सितंबर में भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (Irdai) ने इंश्योरेंस कंपनियों को व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा से जुड़े उत्पादों के लिए प्रीमियम पेमेंट के विकल्प (फ्रीक्वेंसी/ किस्त में प्रीमियम का भुगतान) को ऐड करने की अनुमति दे दी थी. Irdai ने वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए हाल में बीमा कंपनियों और पॉलिसी होल्डर्स के लिए नियमों में तमाम तरीके की ढील की घोषणा कर चुका है. आइए जानते है पूरी जानकारी विस्तार से इस अंतर्राष्ट्रीय एयरलाइन ने किया वेतन कटौती का ऐलान, 20 फीसद तक कटेगी सैलरी आपकी जानकारी के लिए बता दे कि Irdai ने एक सर्कुलर जारी कर कहा है, ''कोविड-19 महामारी की वजह से उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए और स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम के भुगतान के नियम को आसान बनाने की जरूरत पर विचार के साथ सभी इंश्योरेंस कंपनियों को स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम को किस्त में एकत्र करने की अनुमति दी जाती है...उन्हें जिस प्रोडक्ट के लिए ऐसा करना ठीक लगे.'' साथ ही, नियामक ने साथ ही स्पष्ट किया है कि बेसिक प्रीमियम टेबल और चार्जिंग स्ट्रक्चर में किसी तरह का बदलाव नहीं होगा. प्रीमियम पेमेंट की फ्रिक्वेंसी मासिक, तिमाही या अर्ध-वार्षिक हो सकती है. अब जल्द भारत लाया जा सकता है भगोड़ा विजय माल्या, ब्रिटेन कोर्ट ने ख़ारिज की याचिका अपने बयान में Irdai ने कहा है कि बीमा कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी फ्रिक्वेंसी मोड में प्रीमियम की कुल राशि अन्य फ्रिक्वेंसी मोड की कुल प्रीमियम राशि के बराबर हों. वही, Irdai ने कहा है कि किस्त में प्रीमियम के भुगतान की सुविधा को नियमों के अनुपालन के साथ स्थायी बनाया जा सकता है या अस्थायी राहत के तौर पर 12 माह (एक पॉलिसी वर्ष) के लिए लागू किया जा सकता है. नियामक ने कहा है कि 31 मार्च, 2021 तक के रिन्यूअल की तारीख वाली पॉलिसीज के लिए ये व्यवस्था की जा सकती है. CARE Ratings ने विमान यात्रियों की वृद्धि को लेकर चौकाने वाले आंकड़े किए पेश Microsoft में काम करने के सपने पर फिरा पानी, हायरिंग में रिकॉर्ड 46 फीसद की हुई गिरावट शून्य से नीचे पहुंचा क्रूड आयल का भाव, जानिए भारत को क्या होगा लाभ