अंतरराष्ट्रीय सड़क महासंघ (आईआरएफ) के अध्यक्ष के. के. कपिला ने कहा, 'विश्वव्यापी शोध ये बताते हैं कि गाड़ियों के बीच ज्यादा दृश्यता खासकर दिसंबर से फरवरी के बीच कोहरे वाले महीनों में और पहाड़ी इलाकों में दुर्घटना के खतरे को 30 प्रतिशत से ज्यादा तक कम करती है. कोहरे की स्थिति गाड़ी चलाने वालों के लिए खतरनाक है और आगे एवं पीछे फॉग लाइट को अनिवार्य बनाने का कानून कम दृश्यता की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं के खतरे को कम कर सकता है. बारिश, कोहरा, धूल या बर्फबारी की वजह से कम दृश्यता की स्थिति में फॉग लाइट बेहद उपयोगी हैं. कपिला ने कहा,सामान्य हेडलाइट में चौड़े बीम की रौशनी कोहरे में जलकण से निकल जाती है जिससे चालकों के लिए दृश्यता कम हो जाती है.' जेनेवा स्थित प्रबुद्ध मंडल अंतर्राष्ट्रीय सड़क महासंघ (आईआरएफ) ने जानलेवा सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या और कोहरे की वजह से गाड़ियों की टक्कर पर चिंता जताते हुए सरकार से सभी गाड़ियों में आगे एवं पीछे फॉग लाइट को अनिवार्य बनाने का अनुरोध किया है. कपिला ने कहा, 'ऐसी तकनीक भी है जो कोहरे को महसूस कर डैशबोर्ड चिह्न के साथ लाइट को सक्रिय कर सकती हैं, ताकि वाहन चालक कोहरे वाले इलाके में पहुंचने से पहले ही गति धीमी कर लें. ये गतिशील चिह्न स्थिर चिह्नों के मुकाबले ज्यादा प्रभावकारी हो सकते हैं. 'कपिला के मुताबिक, 'आईआरएफ ने शहरी इलाकों और हाईवे पर कोहरे वाली चिह्नित जगहों पर सामाजिक संस्थाओं की ओर से भी स्मार्ट सेंसर से लैस स्ट्रीट लाइट लगाने की जरूरत है. कारो के लिए आया स्मार्ट टायर सेफ्टी मॉनीटर सिस्टम रॉयल एनफील्ड की ये शानदार बाइक अब नहीं मिलेगी भारत में इसी महीने डैट्सन की क्रॉसओवर गो-क्रॉस से हटेगा पर्दा