इम्फाल: AFSPA के खिलाफ सालों तक अनशन पर रहीं मणिपुर की मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम चानू शर्मिला तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे ओकराम इबोबी सिंह के खिलाफ थोउबल विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं और अपनी नई राजनीतिक पार्टी 'पीपुल्स रीसर्जन्स एंड जस्टिस अलायंस (प्राजा) के प्रचार में व्यस्त हैं। शर्मिला ने हाल ही में प्राजा का गठन किया है। उन्होंने उस समय भी काफी सुर्खियां बटोरी, जब उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर यह आरोप लगाया कि उसने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए 36 करोड़ रुपए देने का उनके समक्ष प्रस्ताव रखा है। शर्मिला ने कहा कि भाजपा ने उन्हें इबोबी के खिलाफ अपने टिकट पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव रखा था और कहा कि अगर वह यह प्रस्ताव स्वीकार कर लें तो उन्हें 36 करोड़ रुपए दिए जाएंगे, लेकिन उन्होंने इसे खारिज कर दिया क्योंकि यह उनके सिद्धांतों के खिलाफ था। उनका कहना कि बीजेपी के नेता ने कहा है कि वह विधानसभा चुनाव लड़े और अगर वह चुनाव के लिए धन नहीं जुटा पा रही हैं तो उन्हें भाजपा इसके लिए धन का प्रबंध करेगी। वहीं इरोम के बयान के बाद भाजपा ने दावे का खंड़न किया है। उन्होंने कहा, राजनीति में शामिल होने के संबंध में जनता से मुझे मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है, लेकिन यह तय है कि लोग तीन बार लगातार कांग्रेस की सरकार से त्रस्त हैं और बदलाव चाहते हैं। मैं बदलाव के साथ उत्कृष्ट करने के लिए प्रयासरत हूं। शर्मिला ने कहा कि राज्य विधानसभा के चुनाव में प्राजा के 20 उम्मीदवार चुनाव लडेंगे। उनकी पार्टी हिंसा और उग्रवाद के खिलाफ है तथा राज्य से सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम को हटाए जाने की दिशा में काम करेगी। और पढ़े- प्रधानमंत्री ने मांगा मंत्रियों से यात्राओं का ब्यौरा भाजपा कार्यकर्ता की चाकू घोप कर की हत्या कैलाश विजयवर्गीय ने किये राहुल पर विवादित ट्वीट बसपा के तत्वाधान में विशाल जनसभा का आयोजन