भगवान आपसे खुश हैं कि नहीं? इन 8 संकेतों से जानिए

भगवान और भक्त का रिश्ता अनूठा होता है, और हर व्यक्ति की आस्था भगवान के प्रति अलग-अलग होती है। कुछ लोग भगवान पर गहरी श्रद्धा रखते हैं, जबकि कुछ उन्हें नहीं मानते। जो लोग भगवान को मानते हैं, उनके मन में अक्सर यह चिंता रहती है कि कहीं उनसे कोई गलती या चूक न हो जाए, जिससे भगवान नाराज़ हो जाएं। लेकिन क्या वास्तव में आप जान सकते हैं कि भगवान आपसे प्रसन्न हैं या नहीं? आध्यात्मिक गुरु आचार्य प्रेमानंद जी महाराज ने 8 संकेत बताए हैं, जिनसे यह जाना जा सकता है कि भगवान आपसे प्रसन्न हैं या नहीं।

ये हैं वे 8 संकेत: क्षमा का भाव:  यदि आपके मन में किसी गंभीर अपराध करने वाले के लिए भी क्षमा का भाव उत्पन्न हो रहा है, तो यह इस बात का संकेत है कि भगवान की कृपा आप पर है। यह हरि कृपा का स्पष्ट चिन्ह है। यदि ऐसा नहीं है, तो भगवान से प्रार्थना करें कि वे आपको क्षमा करने की शक्ति दें।

दूसरों के कार्यों में बुराई न देखना:  यदि आप दूसरों के अच्छे कार्यों में दोष नहीं ढूंढते, तो यह भी दर्शाता है कि भगवान की कृपा आप पर है। ऐसे व्यक्ति भगवान को प्रिय होते हैं और उन पर भगवान की विशेष कृपा रहती है।

आंतरिक और बाहरी पवित्रता:  जिन लोगों का बाहरी और आंतरिक जीवन दोनों ही पवित्र होता है, उन पर भी हरि की कृपा मानी जाती है। यदि कोई व्यक्ति बाहर से स्वच्छ और भीतर से छल-कपट से मुक्त है, तो भगवान की कृपा उस पर होती है।

सद्कर्मों में संलग्न रहना:  जो लोग सदैव अच्छे कार्यों में लगे रहते हैं और बुरे कर्मों से दूर रहते हैं, उन पर भी भगवान की कृपा होती है। लेकिन जो लोग अच्छे कर्म करने के बाद भी बुराई में संलग्न रहते हैं, उन पर भगवान की कृपा नहीं होती।

निस्वार्थ भाव से सेवा करना:  जो लोग मेहनत और तप से अर्जित फल को निस्वार्थ भाव से दूसरों में बांट देते हैं, उन पर भी भगवान प्रसन्न होते हैं। ऐसे व्यक्ति पर हरि कृपा अवश्य होती है।

निःस्वार्थ भजन करना:  जो लोग भगवान का भजन करते हैं, लेकिन उससे कोई व्यक्तिगत लाभ प्राप्त नहीं करना चाहते, उन पर हरि की कृपा दृष्टि होती है। अगर कोई सिर्फ अपने तन के लिए मांगता है, तो यह भोग-विलास की ओर ले जाता है, जो हरि मार्ग के विपरीत है।

अभिमान से मुक्त होना:  जो लोग माया के जाल में नहीं फंसते और पद-प्रतिष्ठा प्राप्त करने के बाद भी अहंकार से दूर रहते हैं, उन पर भी भगवान की कृपा होती है। यह हरि कृपा का लक्षण है।

समता का भाव:  जो लोग किसी भी समुदाय से संबंध न रखते हुए सभी को समान दृष्टि से देखते हैं और किसी में भेदभाव नहीं करते, उन पर हरि की कृपा होती है। यदि आपके मन में सभी के लिए करुणा का भाव उत्पन्न हो रहा है, तो यह इस बात का संकेत है कि आप पर भगवान की कृपा है।

यह 8 संकेत भगवान की प्रसन्नता और उनकी कृपा का प्रमाण हैं। यदि ये लक्षण आपके जीवन में दिखाई दे रहे हैं, तो समझिए कि भगवान आपसे प्रसन्न हैं।

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