अक्सर महिलाएं चेहरे पर इंस्टेंट निखार एवं गोरापन लाने के लिए ब्लीच का सहारा लेती हैं। दरअसल, ब्लीच फेशियल हेयर को लाइटन करके त्वचा को ज्यादा ब्राइट दिखाती है। मगर चेहरे को ब्लीच करते वक़्त क्या आपके मन में यह सवाल कभी आया है कि ब्लीच आपके चेहरे के लिए कितनी सुरक्षित है? अक्सर लोग अपनी स्किन टोन को लाइट एवं ग्लोइंग बनाए रखने के लिए ब्लीच का इस्तेमाल करते हैं। बात यदि वर्ष 2018 के आंकड़ों की करें तो 27.7 फीसदी लोगों ने अपनी त्वचा पर ब्लीच का उपयोग किया। जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट के अनुमान के मुताबिक, वर्ष 2024 तक, स्किन ब्लीजिंग उद्योग लगभग 31.2 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा। सरल शब्दों में यदि समझा जाए तो ब्लीच करने से त्वचा में उपस्थित मेलेनिन की एकाग्रता और उत्पादन दोनों को कम करने में सहायता प्राप्त होती है। आपकी त्वचा जिस पिगमेंट का उत्पादन करती है उसे मेलेनोसाइट्स के नाम से जाना जाता है। ऐसे में जब आप अपनी त्वचा पर ब्लीच का उपयोग करते हैं तो, यह आपकी त्वचा में मेलेनोसाइट्स की संख्या कम कर देता है। विशेषज्ञ द्वारा बताए गए तरीकों को अपनाने के साथ हानिकारक पदार्थों से त्वचा को बचाकर रखने से हाइपरपिग्मेंटेशन की परेशानी का उपचार किया जा सकता है। हालांकि, कई देशों ने त्वचा पर ब्लीच के इस्तेमाल को लेकर प्रतिबंध लगा रखा है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, जिनकी त्वचा काफी संवेदनशील, सूखी या फटी हुई है या जिन्हें एक्जिमा या एटोपिक डर्मेटाइटिस जैसी पहले से ही त्वचा से जुड़ी कोई परेशानी है। उन्हें ब्लीच का उपयोग करते वक़्त सतर्क रहना चाहिए। इसके अतिरिक्त आंखों के नीचे जलन या खुजली से पीड़ित लोगों को भी इसके इस्तेमाल से बचना चाहिए। ब्लीच करने का सबसे अच्छा समय- एक्सपर्ट्स कहते हैं कि त्वचा को ब्लीच करने का सबसे अच्छा समय रात का होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि त्वचा रात को रिकवरी जल्दी करती है। दूसरा, दिन के वक़्त ब्लीचिंग से इसलिए भी बचना चाहिए क्योंकि सूरज की किरणें ब्लीच की हुई त्वचा को हानि पहुंचा सकती हैं। स्नैक में ट्राई करें टेस्टी पोटली समोसा, आसान है रेसिपी ब्रेस्ट पेन को ना करें अनदेखा, हो सकती है बड़ी परेशानी क्या आप भी रोज-रोज स्प्राउट्स खाकर हो गए हैं बोर? तो इस आसान रेसिपी से बनाएं स्प्राउट्स थेपला