नई दिल्ली. सोशल मीडिया में यह बात जंगल में आग की तरह फैल रही है कि 1 अप्रैल 2020 से आरम्भ होने वाला नया वित्तीय वर्ष बदल चुका है. आप इस अफवाह पर विश्वास करें इससे पहले हम आपको बता दें हैं कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं होने जा रहा. यानी वित्तीय वर्ष जो वर्तमान 1 अप्रैल से 31 मार्च तक है, वो ही जारी रहेगा. वित्त मंत्रालय ने भी इस बात की पुष्टि की है. दरअसल सरकार ने गत वर्ष स्टांप ड्यूटी एक्ट में परिवर्तन किया है. इसके तहत स्टॉक मार्केट में क्लीयरिंग एजेंसीज और डिपॉजिटरीज के लिए सरकार पूरे देश में एक समान स्टांप ड्यूटी सिस्टम लागू करना चाहती थी. इस वक़्त किसी भी शेयर या डिबेंचर की खरीद बिक्री होती है तो उस पर किसी एक प्रदेश में स्टांप ड्यूटी अधिक है तो किसी दूसरे प्रदेश में कम है. एक ही चीज़ कैलकुलेशन करने में विभिन्न राज्य के हिसाब से होने के कारण बहुत असुविधा होती है. इसके अलावा इसमें स्टांप ड्यूटी चोरी का स्कोप भी है. सरकार इसपर लगाम लगाना चाहती है और ऐसा यूनिफॉर्म सिस्टम लाना चाहती है जिसमें पूरे देश में शेयर डिबेंचर आदि स्टॉक मार्केट प्रोडक्ट पर एक-समान रूप से स्टांप ड्यूटी लागू हो. इसका हिसाब किताब ऐसा हो कि ये केंद्र के पास जमा हो और उसका हिस्सा प्रदेश को दिया जाए. सरकार ने इस संशोधन को लागू करने के लिए पहले 9 जनवरी 2020 की तारीख रखी थी. बाद में इसे बढ़ाकर 1 अप्रैल 2020 कर दी और अब कोरोना के कारण इसे टालकर 1 जुलाई 2020 कर दिया. कोरोना: RBI गवर्नर की अपील - नकद लेन-देन से बचें, डिजिटल ट्रांसक्शन करें शेयर बाज़ार पर भी कोरोना का असर जारी, आज लाल निशान के साथ खुला सेंसेक्स कंपनियों द्वारा दान किए गए फंड को माना जाएगा CSR मद में किया गया खर्च