नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण ने पूरी दुनिया में हाहाकार मचा रखा है वही कोरोना के इस समय में लोग मोबाइल, इंटरनेट, लैपटॉप वगैरह पर अधिक वक़्त दे रहे हैं। स्मार्टफोन में तो पूरा विश्व सिमट कर एक प्रकार से हमारी मुट्ठी में आ गया है। मोबाइल और इंटरनेट पर बहुत सारी सूचनाएं रफ़्तार से फैल रही हैं। सूचनाएं उचित हों तो अच्छी बात है कि वे अधिक से अधिक व्यक्तियों तक पहुंचे। लेकिन वही सूचनाएं गलत हो तो बड़ी समस्यां है। गलत सूचना या भ्रामक खबर या फिर कोई अफवाह यदि तेजी से अधिक व्यक्तियों तक फैल जाए तो सरकार और सिस्टम के लिए उनसे निपटना, खंडन करना तथा व्यक्तियों तक सही जानकारी पहुंचाना बेहद कठिन हो जाता है। अब देखिए न, नोटबंदी हुए 4 वर्ष से अधिक वक़्त हो चुका है, किन्तु उससे जोड़ते हुए एक सूचना इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। बताया जा रहा है कि नोटबंदी में बंद हुए 500-1000 रुपये के पुराने नोट बदलवाने की समयसीमा बढ़ा दी गई है। हालांकि यह सुविधा विदेशी पर्यटक जैसे विशेष व्यक्तियों के लिए है। ध्यान देने वाली बात यह है कि देश के केंद्रीय बैंक आरबीआई मतलब भारतीय रिजर्व बैंक के लेटरहेड प्रारूप पर इस बारे में बकायता टाइप्ड इंफॉर्मेशन है। सोशल मीडिया पर एक पत्र वायरल हो रहा है। आरबीआई के तथाकथित लेटरहेड पर प्रकाशित तहरीर के अनुसार, साल 2016 में हुई नोटबंदी के चलते बंद हुई करेंसी नोटों को बदलवाने के लिए सरकार की तरफ से एक और अवसर दिया जा रहा है। इसमें बताया जा रहा है कि नोटबंदी में बंद हुए पुराने नोटों को बदलवाने की समयसीमा बढ़ा दी गई है। वही यह सुविधा विदेशी पर्यटकों के लिए है। आपको बता दें कि नवंबर 2016 में हुई नोटबंदी में पुराने 500 तथा 1000 रुपये के नोट बंद कर दिए गए थे। बाद में 500 के नए नोट जारी किए गए, जबकि 1000 रुपये के नोट को बंद ही कर दिया गया। साल 2016 में 8 नवंबर की रात 8 बजे पीएम नरेंद्र मोदी ने पूरे भारत को संबोधित करते हुए नोटबंदी का ऐलान किया था। Demonetization का ऐलान करते हुए उन्होंने 500 और 1000 के पुराने नोट बंद किए जाने की बात कही थी। इसके पश्चात् लोगों को एक लंबे वक़्त तक नोट बदलवाने का अवसर दिया गया था। किन्तु यह समयसीमा समाप्त हुए वर्षों हो गए हैं। कोरोना ने लिया भयावह रूप, 24 घंटों में 1 लाख से अधिक संक्रमित केस आए सामने थाने में जमकर नाचे पुलिसकर्मी, वीडियो वायरल होने के बाद हुआ ये हाल फडणवीस ने सीएम उद्धव को लिखा पत्र, कहा- लॉकडाउन के फैसले पर करें पुनर्विचार