क्या यही है सेकुलरिज्म ? महबूबा मुफ़्ती के मंदिर जाने पर भड़के कट्टरपंथी, बताया इस्लाम के खिलाफ

श्रीनगर: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) सुप्रीमो और जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने हाल में एक शिव मंदिर में जाकर पूजा की। यह मंदिर प्रदेश के पूंछ जिले का नवग्रह मंदिर है। इसे महबूबा की पार्टी के दिवंगत नेता यशपाल शर्मा द्वारा बनवाया गया था। यहीं पहुँचकर महबूबी ने पहले शिवलिंग पर जला चढ़ाया और फिर वहाँ फूल अर्पित किए। मंदिर जाकर पूजा-पाठ करने का महबूबा का वीडियो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। लेकिन, अक्सर सेकुलरिज्म का राग अलापने वाले कट्टरपंथी महबूबा के मंदिर जाने से नाराज हो गए हैं।

 

वहीं, देवबंद के मौलाना असद कासमी ने महबूबा के मंदिर जाने पर कहा है कि, 'महबूबा ने जो किया वो सही नहीं है, उनका मंदिर जाना, शिवलिंग पर जल चढ़ाना, इस्लाम के खिलाफ है।' एक ट्विटर यूजर फजलुर्रहमान मदनी ने कमेंट किया कि, 'ये सब इस्लाम में बिलकुल स्वीकार्य नहीं है। चाहे ये महबूबा करे या कोई और।' वहीं, एक अन्य यूज़र काशिफ शेख ने लिखा कि, 'एक पत्थर पर ही तो पानी डाला है। पत्थर समझ कर ही पानी डाला होगा।'

मुस्तफिज आलम ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, 'मैं किसी धर्म के खिलाफ नहीं हूँ लेकिन जो भी किया वो इस्लाम के खिलाफ है। शर्म आनी चाहिए ये सब करने पर।' बता दें कि, भारत में लाखों की संख्या में गैर-मुस्लिम लोग हाजी अली, अजमेर शरीफ और निजामुद्दीन औलिया की दरगाह पर माथा टेकने जाते हैं, ऐसे में यदि कोई मुस्लिम, मंदिर में जाकर शीश झुकाता है, तो ये भारतीय संस्कृति की खूबसूरती है, इसमें मजहबी कट्टरता डालने की कोई आवश्यकता नहीं। किन्तु, जब इस तरह के कट्टरपंथी, लोगों को भड़काने का काम करते हैं, तो वे देश की धर्मनिरपेक्षता को खतरे में डालते हैं।   

अरुणाचल प्रदेश में क्रैश हुआ सेना का हेलीकाप्टर, पायलटों की खोज में सर्च ऑपरेशन जारी

सपा-कांग्रेस ने माफिया अतीक को बचाया! पूर्व DGP बोले- 30 साल पहले ही मिट्टी में मिला देते अगर...

'नोबल शांति पुरस्कार के सबसे प्रबल दावेदार हैं पीएम मोदी..', नोबेल प्राइज कमिटी के डेप्यूटी लीडर का दावा

 

Related News