भोपाल: मध्य प्रदेश एटीएस द्वारा हुई पाकिस्तानी जासूसों गिरफ्तारी के बाद एक बड़ा खुलासा हुआ हैं. माना जा रहा है कि पिछले साल पठानकोट और उरी में हुए आतंकी हमले को कराने में ही इन्ही जासूसों ने मदद की थी. पकड़े गए आईएसआई नेटवर्क के जरिए एटीएस इन दोनों जगह सैन्य ठिकानों पर हुए आतंकी हमले के बारे में पता लगा रही है. इस मामले में एटीएस ने अपनी जांच शुरु कर दी. एटीएस को पठानकोट और उरी में हुए हमलों से जुड़ी जानकारी इन जासूसों के पास से भी मिली हैं. ये जानकारी वैसी ही हैं जो आतंकियों के पास थी. ये जानकारी पाकिस्तान में मध्य प्रदेश के नेटवर्क का इस्तेमाल कर भेजी जा रही थी. एटीएस का कहना हैं कि आईएसआई ने अपना नेटवर्क जिस तेजी से बढ़ाया है वहां पर जरुर कोई घटना घट सकती है. याद रहें कि मध्य प्रदेश एटीएस ने जिन आईएसआई के 11 एजेंटों को गिरफ्तार किया था वे सभी कॉल सेंटर की आड़ में सेना की सीक्रेट इन्फॉर्मेशन पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई को भेजते थे. इनकी गिरफ्तारी प्रदेश के अलग-अलग शहरों भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और सतना से की गई है. ये लोग इंटरनेट कॉल को सेल्युलर कॉल में ट्रांसफर कर देते थे. इससे पाकिस्तान में बैठे हैंडलर्स की आइडेंटिफिकेशन नहीं हो सकती थी. आरोपियों द्वारा इस्तेमाल किए गए टेलीफोन एक्सचेंज ग्वालियर, भोपाल और जबलपुर में मिले हैं. ये लोग पैरेलल टेलीफोन एक्सचेंज चलाते थे. सभी पर देशद्रोह और इंडियन टेलीग्राफ एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. वही पठानकोट और उरी में हुए आतंकी हमले में भी यह शामिल हो सकते है. जिसकी जाँच की जा रही है. इंदौर में भाजपाइयों ने कांग्रेसियों को पीटा, थाने में घुसकर जान बचाई ISI जासूस 27 तक रहेंगे केंद्रीय जेल में कैलाश गुंडों के सरताज : अरुण यादव