मोसुल : क्या आतंकी अपने मंसूबों को अंजाम देने के लिए परमाणु शक्ति संपन्न हो सकते हैं। क्या आतंकी इस हथियार का उपयोग एक साथ इस धरती से मानवता को समाप्त करने के लिए इसका प्रयोग कर सकते हैं। यदि इन मसलों पर विचार किया जाए तो यह बात कुछ सच लगती है कि आतंकी परमाणु हथियार का उपयोग कर सकते हैं। जी हां, इस्लामिक स्टेट आॅफ ईराक के आतंकी कुछ इसी तरह के हमलों की तैयारी कर सकते हैं। यही बात एक पत्रकार ने कही है। 75 वर्षीय यह जर्मन पत्रकार जर्गन टोडेनहोंफर हाल में अपनी एक पुस्तक लिख रहे हैं। दरअसल ये आतंकियों के बीच करीब 10 दिन रहकर आए हैं। उन्होंने कहा कि आतंकी पश्चिमी देशों के प्रत्येक व्यक्ति को समाप्त करना चाहते हैं दूसरी ओर इस विश्व पर इस्लामिक शासन की हुकूमत चाहते हैं। दरअसल जर्नलिस्ट जर्गन को आईएसआईएस द्वारा अपने बीच रहने की अनुमति इसीलिए दी गई क्योंकि वे अमेरिका की कुछ नीतियों की आलोचना करते रहे हैं। आतंकियों से मिलने के बाद वे इनसाईड इज़-टेन डेज़ इन द इस्लामिक स्टेट नामक पुस्तक में वे पश्चिमी देशों के विरूद्ध न्यूक्लियर सूनामी लाने का प्रयास कर रहे हैं। दरअसल आईएसआईएस के निशाने पर इस्लामिक स्टेट का विरोध किया जा रहा है। दरअसल न्यूक्लियर सुनामी से उनका तात्पर्य है कि विश्व में परमाणु हमले से आईएसआईएस के आतंकी त्राही-त्राही मचाना चाहते हैं। दूसरी ओर वे इस्लामिक राष्ट्र की स्थापना करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वे देश आईएसआईएस के टारगेट पर हैं जो कि इस्लामिक स्टेट का विरोध कर रहे हैं। आतंकियों के मंसूबे बेहद खतरनाक हैं वे इस्लाम में यकीन न करने वाले को मार देना चाहते हैं यही नहीं औरतों के साथ बच्चों को अपना गुलाम बनाना चाहते हैं। शियाओं, यजीदी, हिंदुओं और नास्तिकों को समाप्त कर देना चाहते हैं। हालांकि कई पश्चिमी देश इस संगठन से उपजने वाले खतरों को अधिक ध्यान में नहीं ला रहे हैं।