बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार के खिलाफ आवाज़ उठा रहे ISKCON के चिन्मय प्रभु गिरफ्तार

ढाका: बांग्लादेश में हिंदुओं पर बढ़ते अत्याचार के बीच इस्कॉन चटगांव पुंडरीक धाम के अध्यक्ष चिन्मय कृष्णन दास (चिन्मय प्रभु) को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस्कॉन मंदिर ने जानकारी दी कि ढाका पुलिस की जासूसी शाखा के अधिकारियों ने उन्हें ढाका हवाई अड्डे से हिरासत में लिया। चिन्मय प्रभु लंबे समय से हिंदुओं पर हो रहे हमलों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने रंगपुर में एक बड़े विरोध प्रदर्शन को संबोधित किया था। उनकी यह गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है जब शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद से बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू लगातार हमलों का सामना कर रहे हैं।  

छात्र आंदोलन के दौरान हिंदू समुदाय और उनके धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया गया। खुलना और मेहरपुर में स्थित इस्कॉन मंदिरों पर भी हमले हुए। इस्कॉन नेता चिन्मय प्रभु ने इन हमलों पर गहरी चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था कि चटगांव के तीन प्रमुख मंदिर खतरे में हैं, लेकिन हिंदू और मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने मिलकर अब तक उन्हें बचा रखा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस और रैपिड एक्शन बटालियन से सुरक्षा के लिए की गई अपीलों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने दावा किया था कि बांग्लादेश के कई हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा के रास्ते भारत में शरण ले रहे हैं।  

बांग्लादेश में हिंदू समुदाय ने अत्याचारों के खिलाफ एकजुट होकर कई बार प्रदर्शन किया है। अक्टूबर में चटगांव में हजारों हिंदू अपने अधिकारों और सुरक्षा की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे। इस प्रदर्शन का आयोजन "बांग्लादेश सनातन जागरण मंच" के बैनर तले किया गया। प्रदर्शनकारियों ने अंतरिम सरकार के सामने 8 प्रमुख मांगें रखीं। इनमें अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों के लिए स्पीडी ट्रायल कोर्ट की स्थापना, दोषियों को सख्त सजा, पीड़ितों के लिए उचित मुआवजा और पुनर्वास की मांग शामिल थी। बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की बढ़ती समस्याओं और चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी ने वहां के धार्मिक अल्पसंख्यकों की स्थिति को और अधिक चिंता का विषय बना दिया है।

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