जकार्ता: इंडोनेशिया में एक 'सोने का द्वीप' की खोज हुई है. यहां से लोगों को सोने के जेवर, अंगूठियां, बौद्ध प्रतिमाएं और चीन के कीमती सिरेमिक बर्तन मिले हैं. कई वर्षों से गायब ये 'सोने का द्वीप' इंडोनेशिया के पालेमबैंग प्रांत की मूसी नदी में से सामने आया है. नदी की तलहटी से सोने के आभूषण और कीमती वस्तुएं बरामद हो रही हैं. इस द्वीप को लेकर इंडोनेशिया में लोक कथाएं प्रचलित हैं कि यहां पर इंसान खाने वाले सांप रहते हैं. ज्वालामुखी फटता रहता है, यहां तक कि हिंदी भाषा में बात करने वाले तोते भी यहीं रहते हैं. सोने का द्वीप' (Island of Gold) नाम से मशहूर यह जगह इंडोनेशिया के प्राचीन इतिहास में श्रीविजया शहर (Srivijaya City) कहा जाता था. एक वक़्त में यह बेहद अमीर शहर था. यह समुद्री व्यापारिक मार्ग के बीच में आता था. यह विश्व के पूर्व और पश्चिम के देशों को व्यापारिक स्तर पर जोड़ता था. अब यही द्वीप मूसी नदी की तलहटी से मिला है. कहा जाता है कि यहां पर मलाका की खाड़ी पर शासन करने वाले राजाओं ने का राज था. जो वर्ष 600 से 1025 के बीच था. भारतीय चोल साम्राज्य (Chola Dynasty) के साथ हुए युद्ध में यह शहर तबाह हो गया. इतिहासकारों की मानें तो हार के बाद भी दो दशकों तक इस शहर से व्यापार होता रहा. 1390 में श्रीविजयन राज के राजकुमार परमेश्वरा ने वापस अपने क्षेत्र पर कब्जा जमाने की कोशिश की थी. मगर इसे पड़ोसी जावा राजा ने हरा दिया था. इसके बाद श्रीविजया चीनी समुद्री डकैतों के लिए स्वर्ग बन गया था. श्रीविजया शहर के स्वर्णिम दिनों का अब कोई इतिहास या अवशेष तो नहीं मिलता, मगर इतिहासकारों का दावा है कि मूसी नदी के नीचे वह साम्राज्य हो सकता है. क्योंकि गोताखोर निरंतर नदी की तलहटी से सोने के आभूषण, मंदिर की घंटियां, यंत्र, सिक्के, सिरेमिक बर्तन और बौद्ध प्रतिमाएं निकाल रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र प्रतिनिधि ने कहा- "सूडान संकट का समाधान मध्यस्थता से किया जा रहा..." 'शरिया कानून के खिलाफ है क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल..', इस्लामी संगठन ने जारी किया फतवा पीएम मोदी और जॉनसन ने COP26 में रेजिलिएंट आइलैंड स्टेट्स पहल के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर किया लॉन्च