मंगलवार को इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भ्रष्टाचार के आरोपों में औपचारिक रूप से अभ्यारोपित कर दिए गए. इसके कुछ ही घंटे पहले उन्होंने अपने खिलाफ भ्रष्टाचार के तीन मामलों में संसदीय छूट के लिए अनुरोध वापस लिया था. इस तरह, वह इस पद पर रहते हुए आपराधिक आरोपों का सामना करने वाले पहले प्रधानमंत्री बन गए. चीन में तेज हुई कोरोना वायरस की रफ़्तार, मरने वालों की संख्या 132 के पार मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नेतन्याहू (70) को भ्रष्टाचार के तीन मामलों में रिश्वतखोरी, धोखाधड़ी और विश्वास तोड़ने के आरोपों में आरोपित किया गया है. अटार्नी जनरल एवीचाई मांदेलबीत ने यरूशलम जिला अदालत में आरोपपत्र सौंपा. देश के इतिहास में प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए मुकदमे का सामना करने वाले वह प्रथम व्यक्ति होंगे. मुकदमे की तारीख अभी निर्धारित नहीं की गई है लेकिन कानूनी प्रक्रिया में बरसों लग सकते हैं. अमेरिकी विमान के मलबे तक पहुंचने में नाकाम हुए सुरक्षाबल इस मामले को लेकर अटार्नी जनरल कार्यालय ने कहा कि, ‘कुछ समय पहले आरोप पत्र दाखिल किया गया... जैसा कि कनून द्वारा जरूरी है.’ हालांकि, इस्राइली कानून के मुताबिक नेतन्याहू को अभ्यारोपित किए जाने पर इस्तीफा देने की जरूरत नहीं पड़ेगी. उन्हें तब इस्तीफा देना पड़ेगा जब उन्हें दोषी ठहरा दिया जाएगा. इससे पहले, नेतन्याहू ने मंगलवार को घोषणा की कि वह उनके खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार के तीन मामलों में मिली संसदीय छूट के अनुरोध को वापस ले रहे हैं ताकि मुद्दे पर हो रहे 'घटिया खेल' को रोका जा सके. इसी के साथ उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही चलाने का रास्ता साफ हो गया है. इस्राइली नेता ने वाशिंगटन से एक फेसबुक पोस्ट के जरिए इसकी सूचना सभी को दी. वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करने के लिए वाशिंगटन में हैं. बाद में राष्ट्रपति ट्रंप ने इस्राइल और फलस्तीन के बीच शांति स्थापित करने की अपनी योजना की घोषणा की. अमेरिकी जवानों में भयानक इंजरी का हुआ खुलासा, ईरान मिसाइल हमले का पड़ा असर कोरोना वायरस फैलाने वाले स्त्रोत का हुआ खुलासा, अजीबोगरीब जानवरों ने मचाया कोहराम कोरोना वायरस की लिस्ट में शामिल हुए भारत समेत यह 30 देश