यरूशलेम: ओबामा शासनकाल के दौरान हुए ईरान परमाणु करार से अमेरिका के हटने के बाद, इजराइल, अमेरिका के समर्थन में उतर आया है. इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ट्रम्प के इस फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का यह फैसला साहसिक है और समझदारी पूर्वक लिया गया है, क्योंकि ईरान के साथ इस समझौता के बाद उस्की आक्रामकता घटने की बजाए उल्टा बढ़ी ही थी. इससे पहले डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के साथ हुए इस करार यह कहते हुए निरस्त कर दिया था कि वे इस सड़े-गले ईरान परमाणु करार से अमेरिका को हटा रहे हैं. जिसके तुरंत बाद इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने टीवी पर एक सम्बोधन देते हुए कहा था कि इजराइल तेहरान के आतंकी शासन के साथ विनाशकारी परमाणु करार को खारिज करने के अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के हिम्मती फैसले के पक्ष में हैं. इजराइल ने शुरुआत से ही इस परमाणु करार के विरोध में रहा है. नेतन्याहू का मानना है कि अमेरिका के साथ परमाणु करार करने के बाद ईरान का परमाणु बम बनाने का रास्ता आसान हो गया था, इसीलिए ईरान ने पिछले कुछ ही सालों में बमों का भंडार खड़ा कर लिया है, और अब पड़ोसी मुल्कों पर हमला कर रहा है. साथ ही नेतन्याहू ने अमेरिका के द्वारा ईरान पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों का भी समर्थन किया. गौरतलब है की यह परमाणु करार बराक ओबामा के कार्यकाल के दौरान 2015 में किया गया था. गर्दन तक जमीन में गाड़कर, महिला पर बरसाए पत्थर साइबर हमलों को रोकने चीन-पाक तैनात करेंगे महिला अधिकारी रोमांच और खूबसूरत नजारों से भरपूर है न्यूजीलैंड का यह शहर