ISRO की बड़ी उड़ान, एक साथ लॉन्च किए 9 सैटेलाइट, मिलेंगी ये जानकारियां

नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आज शनिवार (26 नवंबर) की सुबह 11।56 बजे श्रीहरीकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर के लॉन्च पैड वन ओशनसैट-3 (OceanSat) सैटेलाइट लॉन्च कर दिया। सैटेलाइटों की ये लॉन्चिंग PSLV-XL रॉकेट द्वारा की गई। इसके साथ भूटान के लिए खास रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट सहित 8 नैनो सैटेलाइट्स भी प्रक्षेपित किए गए।  

बता दें कि, भूटानसैट (BhutanSat aka INS-2B) नामक सैटेलाइट इंडिया-भूटान का संयुक्त सैटेलाइट है, जो एक टेक्नोलॉजी डिमॉन्सट्रेटर है। यह एक नैनो सैटेलाइट है। भारत ने इसके लिए भूटान को टेक्नोलॉजी प्रदान की है। भूटानसैट में रिमोट सेंसिंग कैमरा लगे हैं। यानी ये सैटेलाइट धरती के बारे में जानकारी देगा। रेलवे ट्रैक बनाने, ब्रिज के निर्माण जैसे विकास संबंधी कार्यों में सहायता करेगा। इसमें मल्टी स्पेक्ट्रल कैमरा भी लगा हुआ है। यानी सामान्य तस्वीरों के साथ अलग-अलग प्रकाश तरंगों के आधार पर फोटोज़ भी मिलेंगी। 

इसका डेटा रिसेप्शन भूटान में भारत के सहयोग से निर्मित किए गए सेंटर में होगा। मगर, उससे पहले ISRO  जानकारी हासिल करके उन्हें देगा। भूटान में भारत ग्राउंड स्टेशन भी विकसित कर रहा है। OceanSat-3 समुद्री सतह के तापमान (Sea Surface Temperature), क्लोरोफिल, फाइटोप्लैंकटॉन, एयरोसोल और पॉल्यूशन की भी जांच करेगा। यह 1000 किलोग्राम वजनी सैटेलाइट है। जिसे ISRO अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट-6 (EOS-6) नाम दिया गया है। 

बता दें कि, ओशनसैट-1 को पहली बार वर्ष 1999 में लॉन्च किया गया था। इसके बाद इसका दूसरा सैटेलाइट 2009 में अंतरिक्ष में लॉन्च किया गया था। बीच में ओशनसैट-3 लॉन्च करने की जगह स्कैटसैट (SCATSAT-1) को भेजा गया था। क्योंकि ओशनसैट-2 बेकार हो चुका था। ओशनसैट के संबंध में कहा जाता है कि इसके माध्यम से समुद्री सीमाओं पर निगरानी भी रखी जा सकती है। 

'सविधान वह आधारशीला, जिसपर खड़ा है भारतीय राष्ट्र..', संविधान दिवस पर बोले पीएम मोदी

मुस्लिमों पर क्यों उठ रहा कांग्रेस का भरोसा ? गुजरात में बस इतने उम्मीदवारों को दिया टिकट

26/11 को 'हिन्दू आतंकवाद' मान रही होती दुनिया, यदि 'तुकाराम ओंबले' न होते

 

Related News