बुधवार को भारतीय रक्षा अनुसंधान संस्थान (इसरो) के अध्यक्ष के सिवन ने 2019 की उपलब्धियां और 2020 के टारगेट के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि सरकार ने चंद्रयान-3 को मंजूरी दे दी है और इस परियोजना पर कार्य चल रहा है. चंद्रयान-3 मिशन में ऑर्बिटर नहीं होगा. इसमें केवल लैंडर और रोवर होंगे. आज बिपिन रावत संभालेंगे देश का पहला CDS पद, सेना की ताकत में होगा इजाफा इसके अलावा अपने बयान में सिवन ने कहा, 'दूसरे स्पेस पोर्ट के लिए जमीन अधिग्रहण पर कार्य चल रहा है. दूसरा पोर्ट तमिलनाडु के थुथुकुडी में होगा.' चंद्रयान-2 को लेकर उन्होंने कहा, 'बेशक हम सफलतापूर्वक चंद्रमा की सतह पर लैंड नहीं कर पाए लेकिन हमने चंद्रयान -2 पर अच्छी प्रगति की है. ऑर्बिटर अब भी काम कर रहा है. यह अगले सात सालों तक काम करता रहेगा और साइंस डेटा देता रहेगा.' राज्यों के विरोध पर केंद्र ने नागरिकता देने के लिए अपनाया अनोखा तरीका आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इसरो अध्यक्ष ने भारत के महत्वकांक्षी गगनयान मिशन को लेकर बताया कि इसकी डिजाइनिंग का काम पूरा हो गया है. साथ ही यान में जाने के लिए चार यात्रियों का चुनाव कर लिया गया है. 2022 में गगनयान मिशन के जरिए भारत पहली बार अतंरिक्ष में मानव को भेजेगा. इससे पहले भारत के राकेश शर्मा अतंरिक्ष में रूस के अंतरिक्षयान से गए थे. पीएम मोदी ने बिपिन रावत को दी बधाई, भारत की सेवा के लिए लिखा खास संदेशउत्तराखंड में जलवायु परिवर्तन का प्रभाव होगा कम, उद्योग सरकार से मिलेगी सहायता महाराष्ट्र: विधायक के समर्थकों ने इस वजह से बाला साहेब थोराट के कार्यालय में मचाया जमकर उत्पात