ISRO ने रचा इतिहास, अंतरिक्ष में भेजा हिंदुस्तान का सबसे भारी रॉकेट, 36 सैटेलाइट लॉन्च

नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 36 वनवेब इंटरनेट उपग्रहों (Satellites) को अंतरिक्ष में लॉन्च कर इतिहास रच दिया है. हिंदुस्तान के सबसे भारी लॉन्च रॉकेट, लॉन्च व्हीकल मार्क-III (LVM-III) से लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) पर अंतरिक्ष में लॉन्च किए गए. सुबह 8.30 बजे से रॉकेट लॉन्च करने की प्रक्रिया आरंभ हुई. इन Satellites को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से अंतरिक्ष में भेजा किया. फरवरी में SSLV-D2/EOS07 मिशन की सफलता के बाद, 2023 में यह इसरो के लिए दूसरा लॉन्च है.

रिपोर्ट के अनुसार, प्रक्षेपण ISRO के SDSC-SHAR के दूसरे लॉन्च पैड से सुबह 9 तय किया गया था. उलटी गिनती के दौरान रॉकेट और सैटेलाइट सिस्टम की जांच की गई और इसके बाद रॉकेट के लिए फ्यूल भरा गया. 43.5 मीटर लंबा और 643 टन वजनी भारतीय रॉकेट LVM3 श्रीहरिकोटा स्थित रॉकेट पोर्ट के दूसरे लॉन्च पैड से प्रक्षेपित किया गया. 5,805 किलोग्राम वजन वाला यह रॉकेट ब्रिटेन (UK) स्थित नेटवर्क एक्सेस एसोसिएटेड लिमिटेड (वनवेब) के 36 उपग्रहों को अंतरिक्ष में ले गया है. इससे पृथ्वी की निचली कक्षा (LEO) में Satellites के समूह की पहली पीढ़ी पूरी हो जाएगी. बता दें कि, लो अर्थ ऑर्बिट पृथ्वी की सबसे निचली कक्षा होती है. 

बता दें कि, LVM3 एक 3 चरणों वाला रॉकेट है, जिसमें प्रथम चरण में तरल ईंधन, ठोस ईंधन द्वारा संचालित दो स्ट्रैप-ऑन मोटर, तरल ईंधन द्वारा संचालित दूसरा और क्रायोजेनिक इंजन होता है. ISRO के भारी भरकम रॉकेट की क्षमता ALEO तक 10 टन और जियो ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) तक 4 टन वजन ले जाने की है. ISRO द्वारा रॉकेट मिशन कोड का नाम LVM3-M3/वनवेब इंडिया-2 मिशन रखा गया है. रॉकेट लॉन्च होने के ठीक 19 मिनट बाद, उपग्रहों के अलग होने की प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी. 36 सैटेलाइट्स अलग-अलग चरणों में पृथक होंगे.

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