नई दिल्ली: भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (ISRO) और अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) ने मिलकर दुनिया का सबसे ताकतवर सैटेलाइट NISAR (NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar) बनाया है, जिसे अगले साल लॉन्च किया जाएगा। यह सैटेलाइट प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकंप, भूस्खलन, ज्वालामुखी विस्फोट, तूफान, जंगल की आग और समुद्री तूफानों जैसी घटनाओं पर नजर रखेगा और समय से पहले अलर्ट जारी करने में मदद करेगा। NISAR का मुख्य उद्देश्य पृथ्वी पर आने वाले परिवर्तनों को ट्रैक करना है, जिससे संभावित आपदाओं का सटीक पूर्वानुमान किया जा सके। NISAR में उन्नत तकनीक वाले उपकरण लगाए गए हैं, जिनमें एक बड़ा सिंथेटिक अपर्चर रडार शामिल है। यह रडार धरती के 240 किलोमीटर के क्षेत्र की स्पष्ट तस्वीरें लेने में सक्षम है और हर 12 दिन में पृथ्वी का एक चक्कर लगाते हुए सतह पर होने वाले बदलावों को रिकॉर्ड करेगा। इसके जरिए वैज्ञानिक यह पता लगा पाएंगे कि पृथ्वी की सतह में होने वाली गतिविधियाँ, जैसे टेक्टोनिक प्लेट्स का मूवमेंट, कैसे और कहां हो रही है। इस जानकारी से भूकंप की संभावनाओं के बारे में भी पहले से अंदाजा लगाया जा सकेगा। NISAR में दो प्रकार के रडार बैंड—एल और एस—शामिल हैं। एस बैंड ट्रांसमीटर इसरो ने विकसित किया है, जबकि एल बैंड ट्रांसपोंडर नासा ने बनाया है। ये बैंड पर्यावरण में पेड़-पौधों की संख्या में होने वाले बदलावों पर भी नजर रखेंगे, जिससे धरती पर वनों और वनस्पति के घटते-बढ़ते क्षेत्र का आकलन हो सकेगा। इस सैटेलाइट को भारत के जीएसएलवी-एमके2 रॉकेट से श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट पर 10,000 करोड़ रुपये की लागत आई है, जो इसे दुनिया का सबसे महंगा अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट बनाता है। इसकी मिशन लाइफ 5 साल मानी जा रही है, लेकिन इसे बढ़ाया भी जा सकता है। NISAR धरती के चारों ओर जमा हो रहे स्पेस डेब्रिस और अंतरिक्ष से आने वाले संभावित खतरों के बारे में भी जानकारी देता रहेगा। देश के 51वें प्रधान न्यायाधीश बने संजीव खन्ना, महामहिम मुर्मू ने दिलाई शपथ भाई ने सरेआम त्रिशूल से कर दी बहन की हत्या, चौंकाने वाली है वजह मां से मिलने के बहाने महिला को घर ले गया ऑटो चालक साजिद और फिर...