इंदौर: आज के इस वर्तमान युग में जैसा कि हम सभी जानते है कि विज्ञान ने कागि तरक्की कर ली है. बहुत से नए अविष्कारों के चलते दुनिया को एक अलग ही मुकाम पर ला कर खड़ा कर दिया है. वहीं इसरो के सेवानिवृत्त वैज्ञानिक और चंद्रयान-2 अभियान से जुड़े रहे डॉ. राजमल जैन ने कहा कि आज पूरी दुनिया सौर ऊर्जा के उपयोग की दिशा में काम कर रही है पर इसरो का अगला प्रयास चंद्रमा को इलेक्ट्रि‍क हाउस बनाने का है. चंद्रमा का 54 प्रतिशत भाग रोशनी से भरा है. यदि हम वहां से बिजली लाने में सफल हुए तो वह 10 से 20 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से हमें मिलेगी. पर वहां से बिजली धरती पर लाना किसी एक देश के बस की बात नहीं है. इसके लिए सभी देशों को कहा जा रहा है, ताकि मिलकर यह काम किया जा सके. डॉ. जैन शुक्रवार को मध्य प्रदेश के इंदौर में थे. चंद्रमा के काफी करीब पहुंच गया था चंद्रयान: वहीं इस बात का पता चला है कि विज्ञान दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि इसरो चंद्रमा की तत्व संरचना का पता करने का प्रयास कर रहा है. यदि तत्व संरचना के बारे में वस्तुस्थिति पता लग जाती है तो इस रहस्य से पर्दा हट जाएगा कि चंद्रमा धरती का हिस्सा था या ये दोनों साथ-साथ बने थे. चंद्रयान की असफलता को लेकर उन्होंने कहा कि मैं इसे असफल प्रयोग नहीं मानता क्योंकि यान चंद्रमा के बहुत नजदीक पहुंच गया था. चंद्रयान को जब चंद्रमा पर उतरना था तब उसमें ब्रेक लगाने की कोशिशकी गणना थोड़ी बिगड़ गई थी. इससे वह रूका नहीं बल्कि उसकी दिशा बदल गई. हमने चंद्रमा के साउथ पोल पर जाने की चुनौती ली थी. इस चुनौती को लेने के पीछे हमें दो फायदे नजर आ रहे थे. पहला फायदा चंद्रमा पर पानी की उपलब्धता और दूसरा चंद्रमा की तत्व संरचना का पता लगाना था. 100 से ज्यादा ग्रहों पर हो सकती है जिंदगी: जानकारी के लिए हम बता दें डॉ. जैन ने कहा कि वैज्ञानिकों का प्रयास चंद्रमा के अलावा अन्य ग्रहों के उपग्रहों पर भी जीवन की तलाश में है. हम शनि ग्रह के चंद्रमा पर भी जीवन की संभावनाएं तलाश रहे हैं और वहां इसके सकारात्मक संकेत मिले हैं. अभी तक 100 से ज्यादा ऐसे ग्रहों का पता चल चुका है, जिन पर जीवन की संभावना हो सकती है. अब सड़क हादसे के घायलों को मिलेगा मुफ्त उपचार, ये है सरकार की योजना घर को सूना छोड कर जा रहे है बाहर, तो पुलिस करेगी निगरानी दुष्कर्म के बाद सपेरे की बेटी की हत्या, खेत में पड़ा मिला खून से लथपथ शव