जहां तक कोई नहीं पहुँच पाया, चन्द्रमा की उस सतह पर उतरेगा भारत का चन्द्रयान-२

हैदराबाद: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान के नए अध्यक्ष के. शिवन ने बताया कि,चंद्रयान के साथ सोच समझ कर जोखिम उठाया गया है, जिस उम्मीद को लेकर चंद्रयान चाँद पर जाएगा,उस तरह के प्रयास अधिकतर सफल नहीं हो पाते हैं लेकिन इसरो को खुद पर भरोसा है कि वह इस मुहिम को मुक़ाम तक पहुंचाने में सफल ज़रूर होंगे. चंद्रयान-2 चन्द्रमा कि ऐसी जगह पर उतरेगा जहां पर आज तक कोई भी देश नहीं पहुँच पाया है. पीएम मोदी के जन्मदिन पर इसरो ने दिया पुरे देश को यह तोहफा   एक यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में बोलते हुए उन्होने कहा कि चन्द्रयान-2 70' डिग्री अक्षांश से ऊपर लैंड करेगा. शिवन ने आगे कहा कि, भारत अगले साल के मध्य तक छोटे उपग्रहों की लांचिंग के लिए देश के पहले एसएसएलवी का प्रक्षेपण भी करेगा, जो पूरी दुनिया मे सबसे सस्ता उपग्रह प्रक्षेपण यान होगा. जिसको बनाने में उन्नत और बेहतर तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे यान बनाने में डेढ़ महीने की जगह 70 घंटों में बना लिया जाय. इसे छः लोग मिलकर असेम्बल कर सकते हैं. इंटरनेट की बात करते हुए उन्होंने बताया कि भारत दुनिया मे दूसरा सबसे बड़ा इंटरनेट इस्तेमाल करने वाला देश है, लेकिन स्पीड के मामले में बहुत ही पीछे 76वें स्थान पर है. लेकिन अब परेशानी कोई भी बात नहीं है, इसरो ने जीसैट-11, जीसैट-29 तथा जीसैट 20 को अगले साल अंत तक प्रक्षेपित करने की तैयारी कर ली है, उसके बाद भारत में इंटरनेट स्पीड 100 जीबी पीएस से अधिक हो जाएगी.

ब्रिटेन के दो उपग्रहों को प्रक्षेपित करेगा इसरो इसरो अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार का भी सपोर्ट मिलता है, जिससे प्रोजेक्ट को पूरा करने में आसानी होती है, केंद्र सरकार ने आने वाले चार सालों के लिए इसरो के कार्यक्रमों लिए 11 हज़ार करोड़ रूपये मंज़ूर किये हैं, जिसके अंतर्गत 30 पीएसएलवी, 10 जीएसएलवी एमके-3 और 50 स्पेसक्राफ्ट का निर्माण और प्रक्षेपण शामिल हैं. ख़बरें और भी  नए ग्रह की खोज अभियान में नासा ने भेजी पहली तस्वीर जापानी अरबपति SpaceX से करेंगे चाँद की पहली बार सैर पृथ्वी के पास मिला एक और ग्रह जहां बह रहा विशाल समुद्र

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