गोरखपुर: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख कैलाशवादिवू सीवन ने गुरुवार को बताया कि साल 2022 तक वो मनुष्यों को अंतरिक्ष में भेजेगा. चंद्रयान-2 परियोजना जनवरी या फरवरी 2019 में पूरी हो जायेगी. कैलाशवादिवू सीवन गुरुवार को डीडीयू गोरखपुर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे थे और इस दौरान उन्होंने ये बात कही. जम्मू-कश्मीर: आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़, अब भी फायरिंग जारी कैलाशवादिवू सीवन ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि 'उन्होंने मनुष्य को अंतरिक्ष पर भेजने की डेड लाइन तय कर दी है. साल 2021 के अंत तक या फिर 2022 की शुरुआत में हो सकती है.' चंद्रयान-2 को अगले दो साल जनवरी या फरवरी में चाँद पर भेजा जा सकता है. चंद्रयान-2 का डिजाइन कुछ इस तरह से किया गया है कि वह बड़ी ही आसानी से चाँद पर उतर जाए और इसके साथ ही चन्द्रमा की सतह से वो आसानी से सामग्री जुटा सके. सरकार ने आज इतने कम किए पेट्रोल डीजल के दाम, जनता को मिलेगी बड़ी राहत उन्होंने अपनी बातचीत में आगे बताया कि आने वाले 3 से 6 महीने तक इसरो के वैज्ञानिक तीन से चार बड़े मिशन पर काम करने वाले हैं. इसरो इन दिनों अलग-अलग क्षेत्रों में भी कार्य कर रहा है और जिसमे दूर संचार, नेविगेशन और अंतरिक्ष विज्ञान आदि मौजूद हैं. देश का हर एक नागरिक किसी भी रूप में इसरो की सभी सेवाओं से जुड़ा हुआ है. कैलाशवादिवू सीवन ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लॉन्च किया गया डिजिटल इंडिया मिशन के तहत इसरो ग्रामीण और शहरी दोनों ही इलाकों के लिए 100 जीबीपीएस का हाई स्पीड डेटा उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहा है. हाई स्पीड डाटा पहुंचाने की इस योजना को पूरा करने के अंतरिक्ष में चार संचार उपग्रह स्थापित किये जा रहे हैं. इनमे से एक तो इस साल स्थापित हो गया है और अन्य तीन नवंबर, दिसंबर या फिर अगले साल की शुरुआत तक अंतरिक्ष में स्थापित हो जाएंगे. खबरें और भी.... भारत में बराक मिसाइल की आपूर्ति करेगा इजराइल, 777 मिलियन डॉलर का हुआ सौदा छुट्टी पर भेजे गए CBI निदेशक की लड़ाई पर आज सुप्रीम कोर्ट करेगा फैसला इजरायल : विमान कंपनियों की चेतावनी, जल्द बंद हो सकती है सभी विदेशी उड़ाने