नासा: भारत 1 जनवरी को धमाके के साथ 2024 में प्रवेश के लिए तैयार बैठे है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एलान किया है कि एक्सपोसैट (XPoSat) मिशन पोलर सैटेलाइट लॉ़न्च व्हीकल (पीएसएलवी) का इस्तेमाल करके सुबह 9:10 बजे लॉन्च होने वाला है, जो इंडिया की अंतरिक्ष अन्वेषण यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होने वाला है. यह मिशन न केवल भारत का पहला डेडिकेटिज पोलारिमेट्री मिशन बताया जा रहा है, बल्कि 2021 में लॉन्च किए गए NASA के इमेजिंग एक्स-रे पोलारिमेट्री एक्सप्लोरर (IXPE) के उपरांत दुनिया का दूसरा है. यह सैटेलाइट एक्स किरणों का डेटा कलेक्ट करके ब्लैक होल और न्यूट्रॉन तारों की स्टडी करने वाला है. चमकीले स्रोतों का अध्ययन करना है मिशन: खबरों के माध्यम से जानकारी मिली है कि XPoSat का लक्ष्य ब्रह्मांड में 50 सबसे चमकीले ज्ञात स्रोतों का अध्ययन करना है, इसमें पल्सर, ब्लैक होल एक्स-रे बायनेरिज़, सक्रिय गैलेक्टिक नाभिक, न्यूट्रॉन सितारे और गैर-थर्मल सुपरनोवा अवशेष मौजूद हैं. उपग्रह को 500-700 किमी की गोलाकार निचली पृथ्वी कक्षा में स्थापित किया जाएगा, जिसका मिशन जीवनकाल कम से कम पांच साल का होगा. ब्रह्मांड की जानकारी में होगी बढ़ोतरी: बता दें कि सैटेलाइट को यू आर राव सैटेलाइट सेंटर (यूआरएससी) के सहयोग से रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट (आरआरआई) द्वारा विकसित कर दिया गया है. EXPOSAT मिशन से ब्रह्मांड की हमारी समझ को नया विस्तार मिलने का अनुमान है. यह मौजूदा स्पेक्ट्रोस्कोपिक और टाइमिंग डेटा में दो महत्वपूर्ण आयाम - ध्रुवीकरण की डिग्री और कोण - जोड़ देगा, जो संभावित रूप से खगोलीय उत्सर्जन के वर्तमान सैद्धांतिक मॉडल में अस्पष्टताओं को हल करने वाला है. 'लड़के ने भरी प्रेमिका की मांग, मिठाई खिलाई', और फिर जो किया वो कर देगा हैरान लड़की की इंस्टाग्राम रील देखकर चाचा ने हीरोइन बनाने के लिए फिल्म निर्देशक से मिलवाया, वो ले गया होटल और फिर... दिल्ली: 1500 रुपए को लेकर हुए विवाद में मोहम्मद अब्दुल्ला ने विनोद को चाक़ू घोंपकर मार डाला, हुआ गिरफ्तार