इंडिया के पहला मानव मिशन 'गगनयान' को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी और भी तेज कर दी गई है. मिशन के लिए इंडियन एयरफोर्स के 4 पायलट चुने गए हैं. उनकी रूस में चल रही ट्रेनिंग जल्द ही समाप्त होने वाली है इसके उपरांत अब इंडिया में उनकी ट्रेनिंग शुरू की जाने वाली है. गुरुवार को सरकार की ओर से कहा गया है कि अंतरिक्ष यात्रियों की ट्रेनिंग मई या जून से शुरू हो जाएगी. गगनयान मिशन का लक्ष्य भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर 2022 में 4 सदस्यीय दल को 5 से 7 दिन के लिए अंतरिक्ष में भेजना है. पीएम नरेंद्र मोदी ने 2018 में स्‍वतंत्रता दिवस पर राष्‍ट्र के नाम संबोधन में इस मिशन की घोषणा की है. इसरो (ISRO) ने उसी हिसाब से योजना पर कार्य करना शुरू कर दिया था. कोरोना महामारी के कारण से इस मिशन में पहले ही देरी हो चुकी है. लेकिन इसरो ने दिसंबर 2020 में पहली मानव रहित उड़ान, जुलाई 2021 में दूसरी और दिसंबर 2021 में पहला मानव अंतरिक्ष यान मिशन की योजना बना चुके थी. हालांकि कोविड महामारी के चलते इसरो की ये योजना प्रभावित हो गई और अब नए शेड्यूल के अनुसार पहली मानव रहित उड़ान दिसंबर 2021 और दूसरी उड़ान साल 2022-23 में होगी. इन दोनों के सफल परीक्षण के उपरांत इसरो पहला मानव अंतरिक्ष यान भेजने वाला है. फिलहाल अंतरिक्ष यात्री रूस में अंतरिक्ष की परस्थितियों के मुताबिक ढलने की ट्रेनिंग ले रहे हैं जहां उन्हें गागरिन कॉस्मोनॉट प्रशिक्षण केंद्र में बर्फ, पानी और स्टेपी, पैराबॉलिक फ्लाइट और एस्ट्रो नेविगेशन जैसी स्पेस ट्रेनिंग शुरू की जाने वाली है. वहीं इंडिया में दी जाने वाली ट्रेनिंग के बीच उन्हें भारत के क्रू मोड्यूल और सिस्टक के बारे में बताया जाने वाला है. ट्रेनिंग में भारत के क्रू मॉड्यूल और उड़ान हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के सिमुलेटर शामिल होंगे. क्या पूरे देश में फिर लगेगा लॉकडाउन ? 24 घंटों में मिले करीब 40000 नए केस दिग्विजय ने कसा सिंधिया पर तंज, बोले- 'कांग्रेस में महाराज थे, भाजपा ने भाई साहब बना दिया' 'जो मौन से डरते हैं, मैं उनसे नहीं डरता...', किसान आंदोलन को लेकर केंद्र पर राहुल का हमला