मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में आयकर विभाग के हवाले से यह दावा किया है कि, '1000 करोड़ का भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है।' उन्होंने कहा, 'आयकर विभाग ने जो प्रेस नोट जारी किया है उसमे 1000 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग का केस हुआ है। उपमुख्यमंत्री अजित पवार और पुणे की एक रियल स्टेट कंपनी इस मामले में शामिल है, लेकिन किसी भी परिवार के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई, सिर्फ एक सुगर फैक्ट्री के डायरेक्टर के खिलाफ कार्रवाई हुई है।' इसी के साथ आगे उन्होंने यह भी कहा, 'पांच सुगर फैक्ट्री की भुगतान के मामले फर्जीवाड़ा हुआ, यह फर्जीवाड़ा आईटी छापेमारी में सामने आई है।आयकर विभाग ने एक प्रेस नोट जारी किया जिसे गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि इसमे 1000 करोड़ रुपए का मनी लॉन्ड्रिंग का केस है। उन्हें पता था कि पैसा कहां ट्रांसफर किया गया है, जिसमे नेता और अधिकारी भी शामिल थे। गौर करने वाली बात है कि एनसीपी नेता नवाब मलिक ने आरोप लगाया था कि एनसीबी की छापेमारी में भाजपा के लोग शामिल थे और यह छापेमारी पूरी तरह से फर्जी है।' जी दरअसल यह सब बातें उन्होंने नवाब मलिक के आरोपों पर पलटवार करने के लिए कहीं। इसी के साथ उन्होंने नवाब मलिक के आरोपों पर पलटवार करते हुए यह भी कहा, 'सिर्फ उन्ही लोगों को छापेमारी में जाने की इजाजत दी गई थी जो पूरी तरह से साफ थे। एनसीबी ने साफ तौर पर कहा था कि उसने कई लोगों को हिरासत में लिया था। उन्हीं लोगों को छापेमारी में जाने दिया गया था जो बिल्कुल साफ थ। एनसीपी के भी एक नेता को भी जाने दिया गया था जिसकी छवि ठीक थी। हमे एनसीबी के साथ खड़े रहना चाहिए क्योंकि उसने ड्रग्स के रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस मामले का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए।' आर्यन खान के बाद अब गिरफ्तार हुआ ये शख्स महाराष्ट्र के डॉक्टरों को तोहफा 'BJP कार्यकर्ता ED-NCB की बजाय हिंदू पंडितों और सिक्खों को बचाएं': सामना