नई दिल्लीः देश में चल रही मंदी से निपटने के लिए केंद्र सरकार का हर मंत्रालय अपने प्रयासों में लग गया है। इसी कड़ी में अगले हफ्ते सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद अगले सप्ताह सोमवार को इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से भेंट करेंगे। इसमें, उद्योग की चिंताओं, इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र की वृद्धि को बढ़ावा देने के उपायों और निर्यात परिदृश्य को सुधारने पर बातचीत होगी। मामले से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि आईटी मंत्री ने इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग से जुड़े शीर्ष लोगों और एपल, सैमसंग, फ्लेक्सट्रॉनिक्स, फॉक्सकॉन, डेल, एरिक्सन, इंटेल और अन्य कंपनियों के प्रमुखों को बैठक के लिए बुलाया है। लगभग 50 कंपनियों को इस चर्चा में शामिल होने के लिए कहा गया है। इस विचार-विमर्श का मकसद इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र के लिए नीतिगत परिवेश को बढ़ावा देना और निर्यात परिदृश्य को सुधारना है। इस बैठक में, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड अप्लायंस मैन्युफैचर्स एसोसिएशन (सीईएएमए), इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ इंडिया,(ईएलसीआईएनए) और इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) जैसे उद्योग संघों के भी शामिल होने की उम्मीद है। सरकार ने हाल ही में राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स नीति लेकर आई थी। इसका उद्देश्य घरेलू विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा देकर इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण तंत्र को 2025 तक 28.43 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचाना है। अधिकारी ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र के दिग्गजों के साथ होने वाली यह गोलमेज बैठक उद्योग की चिंताओं को समझने पर केंद्रित होगी। इसमें इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के लिए अनुकूल नीति के माहौल को सुनिश्चित करने के सुझावों पर भी चर्चा होगी। देश में कई उद्योग मौजूदा दौर में मंदी के चपेट में हैं। प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत खुले बैंक खातों में जमा है इतनी राशि वित्‍त मंत्रालय ने इस मामले में देशभर की बैंक शाखाओं से मांगे सुझाव लद्दाख के आदिवासियों को दुनिया के बाजार से जोड़ जाएगा