नई दिल्ली: भारत को प्रमुख अपलिंकिंग केंद्र (हब) के तौर पर पेश करने के लिए सरकार ने बुधवार (9 नवंबर) को टेलीविजन चैनलों के अनुपालन के लिए दिशानिर्देशों में रियायतों का ऐलान किया और मुख्य रूप से मनोरंजन चैनलों के लिए 30 मिनट का दैनिक या राष्ट्रीय जनहित से संबंधित प्रसारण अनिवार्य कर दिया. केंद्रीय कैबिनेट ने भारत में सैटेलाइट टेलीविजन चैनल के अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग के लिए दिशानिर्देश, 2022 को स्वीकृति प्रदान कर दी है. इस कदम से भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल के टेलीविजन चैनलों को सिंगापुर की जगह भारत से अपलिंक करने की इजाजत मिलने की उम्मीद है. बता दें कि, सिंगापुर उपमहाद्वीप में प्रसारित चैनलों के लिए पसंदीदा अपलिंकिंग हब है. अधिकारियों ने जानकारी दी है कि वर्तमान में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में पंजीकृत कुल 897 चैनल में से सिर्फ 30 चैनल ही भारत से अपलिंक हैं. संयुक्त सचिव (प्रसारण) संजीव शंकर ने यहां मीडिया को बताया है कि, ‘कार्यक्रमों के सीधा प्रसारण के लिए इजाजत लेने की आवश्यकता को खत्म कर दिया गया है, सिर्फ सीधे प्रसारण वाले कार्यक्रमों का पूर्व पंजीकरण जरूरी होगा.’ उन्होंने कहा कि स्टैंडर्ड डेफिनिशन (SD) से हाई डेफिनिशन (HD) या इसके उलट भाषा बदलने या ट्रांसमिशन मोड में बदलाव के लिए पूर्व अनुमति की जरूरत नहीं होगी. उन्होंने आगे कहा कि चैनल को सिर्फ मंत्रालय को किए जाने वाले परिवर्तनों के बारे में सूचित करना होगा. इस संबंध में दिशानिर्देश पहली बार 2005 में जारी किए गए थे और 2011 में उनमें संशोधन किया गया था. अंतरिम अवधि में तकनीकी प्रगति को ध्यान में रखते हुए 11 वर्षों के बाद इसमें अब संशोधन किया गया है. 11 नवंबर को बेंगलुरु एयरपोर्ट के टर्मिनल 2 का उद्घाटन करेंगे PM मोदी, जानिए खासियत 'अपने सोशल मीडिया हैंडल्स से कॉपीराइट सामग्री हटाओ..', कांग्रेस को हाई कोर्ट का आदेश बच्चों का भोजन ही जहर कैसे बन गया ? मिड डे मील खाने के बाद 50 बच्चे हुए बीमार