'सीमाओं की तरह ही संस्कृति की भी रक्षा करना जरूरी..', राजनाथ सिंह का बड़ा बयान

नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देश की एकता और संस्कृति के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि विभाजन हमेशा हार का कारण बनता है। उन्होंने यह भी कहा कि देश की सीमाओं की सुरक्षा जितनी जरूरी है, उतना ही महत्वपूर्ण है उसकी संस्कृति की रक्षा करना। सिंह ने बताया कि जब भी देश में एकता कमजोर हुई है, तब आक्रमणकारियों ने हमारी संस्कृति और सभ्यता को नष्ट करने की कोशिश की। उन्होंने देशवासियों से अपील की कि हम इतिहास से सीख लेकर एकता बनाए रखें।

सिंह ने यह बातें एक टीवी चैनल द्वारा आयोजित ‘कोटी दीपोत्सवम’ समारोह के दौरान कही। उन्होंने कहा कि जो लोग धर्म, जाति और समुदाय के आधार पर लोगों को बांटने की कोशिश करते हैं, वे देश के लिए हानिकारक होते हैं। उन्होंने बताया कि अगर हम एकजुट रहते हैं तो हम विकास की दिशा में बढ़ सकते हैं और एक मजबूत भारत बना सकते हैं। रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि एकता समाज की ताकत है और इसे सुनिश्चित करके हमें इसे न सिर्फ देश में बल्कि पूरी दुनिया में फैलाना चाहिए। उनका मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार सांस्कृतिक पुनरुत्थान पर ध्यान दे रही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर कोई देश अपनी संस्कृति खो देता है, तो उसे कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

राजनाथ सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत केवल एक राजनीतिक इकाई नहीं है, बल्कि उसकी हजारों साल पुरानी संस्कृति भी उसकी पहचान है। उन्होंने कहा कि अगर किसी देश के लोग अपनी संस्कृति के प्रति नफरत महसूस करते हैं, तो वह देश विभाजित हो सकता है। उनका कहना था कि जो लोग भारत को और उसकी संस्कृति को कमजोर करने की कोशिश कर रहे थे, अब उनकी कोशिशें विफल हो चुकी हैं और अब देश में सांस्कृतिक पुनरुत्थान हो रहा है।

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