बदरीनाथ: सोशल मीडिया पर एक मौलाना का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें वह यह दावा करते हुए सुनाई दे रहा है कि "बद्रीनाथ धाम मुसलमानों का है। यह बदरुद्दीन शाह की मजार है।" मौलाना ने कहा, "असल बात यह है कि बद्रीनाथ नहीं, वह बदरुद्दीन शाह हैं। यह मुसलमानों का धार्मिक स्थल है। इसे मुसलमानों के हवाले कर देना चाहिए। वह बद्रीनाथ नहीं हैं, नाथ लगा दिया तो वह हिंदू हो गए क्या, वह बदरुद्दीन शाह हैं। तारीख उठा कर देखें। वह मुसलमानों का धार्मिक स्थल है, मैं वहां के मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि इसे मुसलमानों के हवाले कर दिया जाए। मोदी जी आगे आए और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री इन बकवासियों के बकवास को रोकें। वरना मुसलमान मार्च करेंगे, हमारा धार्मिक स्थल है। हम वहां कब्जा कर लेंगे।" इस विवादास्पद वीडियो की पड़ताल करने पर पता चला कि यह वीडियो नया नहीं है, बल्कि लगभग 7 साल पुराना है। जब हमने "बद्रीनाथ नहीं, बदरुद्दीन शाह" कीवर्ड से खोजा, तो हमें नवंबर 2017 और जुलाई 2021 में प्रकाशित कई खबरें मिलीं, जिनमें मौलाना ने यही बयान दिए थे। इससे यह स्पष्ट होता है कि मौलाना का यह बयान पहले भी वायरल हो चुका है। वीडियो में मौलाना दारुल उलूम निसवा के मोहतमिम मौलाना अब्दुल तलीफ हैं। हालांकि, मामले के बाद उन्होंने अपने बयान पर माफी भी मांगी थी। अब वापस सोशल मीडिया पर ये वीडियो वायरल हो रहा है, जबकि ये सात साल पुराना मामला है। लॉरेंस के भाई अनमोल को लाया जाएगा भारत, अमेरिका में प्रत्यर्पण प्रक्रिया शुरू 'राहुल मजदूरों को समझ रहे हैं, या मजदूर राहुल को..', गिरिराज सिंह ने ली चुटकी योगी के 'बंटेंगे तो कटेंगे' पर अखिलेश ने किया पलटवार, सरकार को दी नसीहत