दक्षिण भारतीय फिल्म जगत के जाने माने मशहूर अभिनेता अल्लू अर्जुन की चर्चित फिल्म ‘पुष्पा 2’ की स्क्रीनिंग के दौरान हुई एक दुखद घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। यह घटना हैदराबाद के मशहूर संध्या थिएटर में हुई, जहां फिल्म की स्क्रीनिंग के लिए अल्लू अर्जुन स्वयं पहुंचे थे। उन्हें देखने के लिए प्रशंसकों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई। भीड़ इतनी ज्यादा थी कि भगदड़ मच गई, जिसमें एक महिला की मौत हो गई तथा उसका 9 वर्षीय बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया। रिपोर्ट्स के अनुसार, स्क्रीनिंग के चलते महिला रेवती की जान चली गई, जबकि उनका बेटा श्रीतेज गंभीर रूप से घायल हुआ। श्रीतेज को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां वह अभी भी वेंटिलेटर पर है। इस दर्दनाक घटना ने फिल्म के प्रशंसकों के बीच दुख और गुस्से का माहौल पैदा कर दिया। अल्लू अर्जुन ने यह सुनिश्चित किया था कि वे अपने फैन्स के साथ अपनी फिल्म की स्क्रीनिंग का हिस्सा बनें, मगर स्थिति बेकाबू हो गई। पुलिस और थिएटर प्रशासन की शुरुआती जांच के मुताबिक, भीड़ प्रबंधन में लापरवाही मुख्य कारण थी। वही इस मामले में पुलिस ने अल्लू अर्जुन को भी गिरफ्तार किया। उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया, मगर अगले ही दिन ₹50,000 के बॉन्ड पर चार हफ्तों की अंतरिम जमानत दे दी गई। हालांकि, अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी को लेकर प्रशंसकों एवं कानूनी विशेषज्ञों के बीच बहस छिड़ गई। कई लोगों का मानना है कि यह गिरफ्तारी अनावश्यक थी, क्योंकि भीड़ नियंत्रण की जिम्मेदारी आयोजकों और स्थानीय प्रशासन की होती है। वही इस घटना के बाद मशहूर क्रिमिनल लॉयर सना रईस खान, जो बिग बॉस 17 का हिस्सा भी रह चुकी हैं, उसने अल्लू अर्जुन का खुलकर समर्थन किया। उन्होंने कहा कि फिल्म स्टार को दोषी ठहराना न केवल अनुचित है बल्कि मनोरंजन उद्योग के लिए एक गलत मिसाल भी पेश करता है। अल्लू अर्जुन का तगड़ा स्टारडम उनकी पॉपुलैरिटी का प्रतीक है। यह समझना जरूरी है कि भीड़ को नियंत्रित करना आयोजकों और स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी है, न कि एक्टर की। उन्होंने यह भी कहा कि यह घटना अल्लू अर्जुन के नियंत्रण से बाहर थी, और उन्हें ऐसे मामले में दोष देना कानूनी रूप से भी उचित नहीं है। सना रईस खान ने इस मामले को कानूनी दृष्टिकोण से समझाते हुए कहा: "कानूनी रूप से, अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी का कोई ठोस आधार नजर नहीं आता। आपराधिक जिम्मेदारी तय करने के लिए यह आवश्यक है कि किसी व्यक्ति की लापरवाही या घटना में सीधा संबंध साबित हो। इस मामले में, ऐसा कोई सबूत नहीं है जो अल्लू अर्जुन को भगदड़ के लिए जिम्मेदार ठहराए।" उन्होंने यह भी कहा कि अल्लू अर्जुन की जमानत यह दर्शाती है कि न्यायिक व्यवस्था ने यह समझा कि उनकी गिरफ्तारी आवश्यक नहीं थी। भविष्य के लिए सना की सलाह सना ने इस मामले में एक्टरों के लिए सुझाव भी दिए। उन्होंने कहा कि "भले ही भीड़ प्रबंधन एक्टरों की जिम्मेदारी न हो, लेकिन उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इवेंट के दौरान सुरक्षा गाइडलाइंस का पूरी तरह से पालन हो।" उन्होंने यह भी कहा कि कलाकारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इवेंट आयोजक और प्रशासन भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा के लिए पर्याप्त व्यवस्था करें। बता दे कि अल्लू अर्जुन फिलहाल जमानत पर बाहर हैं, और मामले की जांच जारी है। उनके फैन्स और कानूनी विशेषज्ञ उम्मीद कर रहे हैं कि इस घटना के पीछे असली जिम्मेदारों को दोषी ठहराया जाएगा। शाहरुख खान के इस डायलॉग को समीर वानखेड़े ने बताया 'सड़क-छाप', जानिए पूरा मामला 'महाभारत' बनाने से क्यों डर रहे हैं आमिर खान? खुद बताई ये वजह प्रसिद्ध तबला वादक ज़ाकिर हुसैन का दुखद निधन, संगीत जगत में दौड़ी शोक लहर