नई दिल्ली : आयकर विभाग अब उन लोगों से आमदनी के स्रोत का हिसाब-किताब मांग सकता है, जिन्होंने नोटबंदी के दौरान अपने बैंक खातों में 2 लाख रुपए या इससे कुछ ज्यादा रकम जमा कराई थी. पहले सरकार की ओर से कहा गया था कि नोटबंदी के समय ढाई लाख से कम जमा कराने वालों से पूछताछ नहीं की जाएगी. लेकिन बैंक खातों की जांच में विभाग को नोटबन्दी के 50 दिनों के दौरान करीब एक करोड़ बैंक खातों में 2 लाख रुपए या उससे कुछ अधिक रुपए जमा कराए गए थे. यह कुल रकम करीब 10 लाख करोड़ है. जब यह चौंकाने वाले आंकड़े मिले तो विभाग ने हिसाब मांगने की तैयारी कर ली. आयकर विभाग के सूत्रों के अनुसार सरकार की इस घोषणा के बाद लोगों ने अपने बैंक खातों में 2 लाख रुपए या उससे कुछ ज्यादा रकम जमा कराना शुरू कर दिया. यानी उन्होंने 2.50 लाख रुपए से कम जमा कराया ताकि वे आयकर विभाग के राडार पर न आएं. लेकिन अब इन सभी बैंक खातों में जमा राशि और इनके इनकम टैक्स रिटर्न में दिए गए ब्योरे का मिलान किया जाएगा. अगर कहीं गड़बड़ी लगी तो तुरंत सन्देश और ईमेल भेजा जाएगा. उसके बाद तय नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि आयकर विभाग को अब इन बैंक खातों में कालेधन को सफ़ेद करने का संदेह है. बैंकों से इन बैंक खातों का दो साल का इतिहास भी मांगा गया है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि पिछले दो सालों के दौरान इन खातों में कितना लेनदेन हुआ. इस बारे में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड वित्त मंत्रालय के संपर्क में है. यह भी पढ़ें लोढ़ा-टंडन की 6.42 करोड़ की संपत्ती जब्त 28 फरवरी तक अपना पैन कार्ड अपडेट कराएं वर्ना खाता हो सकता है फ्रिज